उपचुनाव इसलिए भी खास रहा, क्योंकि इस बार पहली बार सत्तापक्ष की ओर से मतदान के दिन सपा पर ताबड़तोड़ हमले किए गए। खुद अखिलेश यादव ने भी मोर्चा संभाला और भाजपा को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उपचुनाव को जाति, धर्म से जोड़ने का भरसक प्रयास किया गया। बुर्के के नाम पर मतदान के दिन जमकर राजनीति की गई, जिससे मतों का ध्रुवीकरण किया जा सके। वैसे इसकी शुरुआत सीएम योगी के 'बंटोगे तो कटोगे' के नारे के साथ ही हो गई थी।