Lucknow News : मोहनलालगंज सांसद आरके चौधरी के निर्वाचन को हाईकोर्ट में चुनौती, चार हफ्तों में देना होगा लिखित जवाब

UPT | सपा सांसद आरके चौधरी

Nov 21, 2024 09:34

याचिका में 12 मई 2024 को मोहनलालगंज में हुई एक चुनावी रैली का विशेष उल्लेख किया गया है। आरोप लगाया गया है कि इस रैली में आरके चौधरी ने खुले तौर पर जातीय और सामुदायिक आधार पर वोट मांगने की अपील की। यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है।

Lucknow News : मोहनलालगंज लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी के निर्वाचन को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई है। मतदाता ज्ञानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की एकल पीठ ने सांसद को चार हफ्ते में लिखित जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। यह मामला चुनावी भ्रष्ट आचरण और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के कथित उल्लंघन से जुड़ा है। अगली सुनवाई 8 जनवरी 2025 को निर्धारित की गई है।

पीडीए का मुद्दा : चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन
याचिका में आरोप लगाया गया है कि सपा प्रत्याशी आरके चौधरी ने चुनाव के दौरान पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) का मुद्दा उठाकर जाति, समुदाय और धर्म के आधार पर वोट मांगे। याचिकाकर्ता के अनुसार, यह चुनाव कानून के तहत भ्रष्ट आचरण माना जाता है। अधिवक्ता ने दलील दी कि चुनावी रैलियों और सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर पीडीए को प्रचारित किया गया।



12 मई 2024 की चुनावी रैली का हवाला
याचिका में 12 मई 2024 को मोहनलालगंज में हुई एक चुनावी रैली का विशेष उल्लेख किया गया है। आरोप लगाया गया है कि इस रैली में आरके चौधरी ने खुले तौर पर जातीय और सामुदायिक आधार पर वोट मांगने की अपील की। यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन है।

सोशल मीडिया पर प्रचार भी विवादित
याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि पीडीए की अवधारणा को सोशल मीडिया पर जोर-शोर से प्रचारित किया गया। इसका उद्देश्य जाति और समुदाय विशेष को एकजुट कर चुनावी लाभ लेना था। इस प्रचार को चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन के तौर पर देखा जा रहा है।

चुनावी भ्रष्टाचार का आरोप
याचिकाकर्ता ने आरके चौधरी के निर्वाचन को रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि यह कथित भ्रष्ट आचरण और नियमों के उल्लंघन से प्रभावित था। उन्होंने अदालत से अपील की कि इस मामले में जल्द निर्णय लिया जाए।

अगली सुनवाई 8 जनवरी 2025 को
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 8 जनवरी 2025 को निर्धारित की है। तब तक सांसद को अपना लिखित जवाब दाखिल करना होगा। इस याचिका को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।
 

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