आयुष विभाग के अनुसार, अधिकारियों ने संबद्धता आदेश को निरस्त कराने के लिए निरंतर राजनीतिक दबाव बनाने का प्रयास किया। डॉ. राय के मामले में तो विशेष रूप से इसका उल्लेख किया गया है कि उन्होंने चंदौली में अपनी नियुक्ति को स्वीकार नहीं किया। निलंबन की अवधि के दौरान डॉ. राय अब डीएम चंदौली के कार्यालय से संबद्ध रहेंगे।