UP News : आयुष विभाग में संयुक्त निदेशक ​सहित चार वरिष्ठ होम्योपैथिक अधिकारी निलंबित, ये हैं आरोप

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Oct 25, 2024 21:27

आयुष विभाग के अनुसार, अधिकारियों ने संबद्धता आदेश को निरस्त कराने के लिए निरंतर राजनीतिक दबाव बनाने का प्रयास किया। डॉ. राय के मामले में तो विशेष रूप से इसका उल्लेख किया गया है कि उन्होंने चंदौली में अपनी नियुक्ति को स्वीकार नहीं किया। निलंबन की अवधि के दौरान डॉ. राय अब डीएम चंदौली के कार्यालय से संबद्ध रहेंगे।

Lucknow News : प्रदेश में आयुष राज्यमंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु के निर्देश पर चार वरिष्ठ होम्योपैथिक अधिकारियों को लापरवाही और अनुशासनहीनता के आरोपों में निलंबित कर दिया गया है। इन अधिकारियों में लखनऊ के डॉ. प्रभाकर राय, संयुक्त निदेशक डॉ. सुमन रहेजा, अयोध्या के डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह और डॉ. रईस अहमद शामिल हैं।

कर्तव्यों में लापरवाही के गंभीर आरोप
इन अधिकारियों पर उनके कर्तव्यों के प्रति गंभीर लापरवाही और अनुशासनहीनता का आरोप है। आरोपों में यह भी शामिल है कि ये अधिकारी अपने कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं रहते थे और होम्योपैथी सुविधाओं को उपलब्ध कराने में असमर्थ रहे। आयुष विभाग के विशेष सचिव हरिकेश कुमार चौरसिया ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।



नए कार्यस्थल पर कार्यभार नहीं संभाला
डॉ. प्रभाकर राय को लखनऊ के रामपुर देवरई से चंदौली के इंद्रपुरवा में स्थानांतरित किया गया था। इसी प्रकार डॉ. धर्मेंद्र कुमार सिंह को मैनपुरी, डॉ. रईस अहमद को बड़ौत जनपद बागपत, और डॉ. सुमन रहेजा को सिद्धार्थनगर भेजा गया था। हालांकि, इन सभी अधिकारियों ने अपने नए कार्यस्थल पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया और संबद्धता समाप्त करने के लिए दबाव बनाते रहे।

राजनीतिक दबाव का आरोप
आयुष विभाग के अनुसार, अधिकारियों ने संबद्धता आदेश को निरस्त कराने के लिए निरंतर राजनीतिक दबाव बनाने का प्रयास किया। डॉ. राय के मामले में तो विशेष रूप से इसका उल्लेख किया गया है कि उन्होंने चंदौली में अपनी नियुक्ति को स्वीकार नहीं किया। निलंबन की अवधि के दौरान डॉ. राय अब डीएम चंदौली के कार्यालय से संबद्ध रहेंगे।

आरोपों की जांच का आदेश
इन आरोपों की जांच के लिए निदेशक आयुष मिशन को नियुक्त किया गया है। जांच के उपरांत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके, ताकि आयुष विभाग में अनुशासन और पारदर्शिता को सुनिश्चित किया जा सके।

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