डीजीपी की सीधे नियुक्ति कर सकेगी यूपी सरकार : हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति लगाएगी मुहर

UPT | CM Yogi Adityanath

Nov 05, 2024 08:40

वर्ष 2006 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुलिस सुधारों को लेकर दायर याचिका में राज्य सरकारों को पुलिस अधिनियम में सुधार करने की अपेक्षा की गई थी। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सहित आठ राज्यों को डीजीपी की नियुक्ति संबंधी आदेश का उल्लंघन करने पर अवमानना नोटिस जारी किया था।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार अब राज्य स्तर पर ही डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) की नियुक्ति कर सकेगी। कैबिनेट बैठक में 'पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024' को मंजूरी मिलने के साथ इसका रास्ता साफ हो गया है। इस नियमावली के अनुसार, एक स्वतंत्र और पारदर्शी चयन प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक मनोनयन समिति गठित की जाएगी।

मनोनयन समिति का गठन और भूमिका
नई नियमावली के अनुसार, मनोनयन समिति में मुख्य सचिव, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा नामित एक अधिकारी, यूपी लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या नामित अधिकारी, अपर मुख्य सचिव (गृह) और बतौर डीजीपी कार्य कर चुके एक सेवानिवृत्त डीजीपी शामिल होंगे। इस समिति का उद्देश्य उपयुक्त व्यक्ति का चयन कर डीजीपी पद पर नियुक्ति करना है। समिति केवल उन अधिकारियों के नामों पर विचार करेगी जिनकी सेवानिवृत्ति में छह माह से अधिक समय शेष हो।



डीजीपी कार्यकाल और हटाने की शर्तें
डीजीपी का न्यूनतम कार्यकाल दो वर्ष निर्धारित किया गया है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्य सरकार डीजीपी को पद से हटाने के अधिकार का प्रयोग कर सकती है यदि वह किसी आपराधिक मामले में संलिप्त हो, भ्रष्टाचार में लिप्त हो, या अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल हो। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि केवल उपयुक्त और जिम्मेदार अधिकारियों को ही डीजीपी पद पर नियुक्त किया जाए।

पुलिस सुधारों की आवश्यकता और सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
वर्ष 2006 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पुलिस सुधारों को लेकर दायर याचिका में राज्य सरकारों को पुलिस अधिनियम में सुधार करने की अपेक्षा की गई थी। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सहित आठ राज्यों को डीजीपी की नियुक्ति संबंधी आदेश का उल्लंघन करने पर अवमानना नोटिस जारी किया था। यूपी में बीते ढाई वर्षों में कई कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किए गए हैं, जिसमें डीएस चौहान, आरके विश्वकर्मा, विजय कुमार, और प्रशांत कुमार शामिल रहे। इस बीच, संघ लोक सेवा आयोग को पैनल नहीं भेजा गया था।

संघ लोक सेवा आयोग का पैनल चयन प्रक्रिया
स्थायी डीजीपी की तैनाती के लिए संघ लोक सेवा आयोग को अधिकारियों के नाम का पैनल भेजा जाता है। आयोग उन अधिकारियों में से तीन वरिष्ठ नामों का चयन कर राज्य सरकार को भेजता है। राज्य सरकार उन तीन नामों में से किसी एक को डीजीपी के रूप में नियुक्त कर सकती है, लेकिन नियुक्ति से पहले सभी चयनित नामों की विजिलेंस क्लियरेंस अनिवार्य है।
 

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