राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भी यूपीपीसीएल में निजीकरण के इस प्रस्ताव का पुरजोर विरोध किया है। संगठन ने इसे आम जनता और सरकारी विभागों के लिए महंगा सौदा बताया है। परिषद का कहना है कि निजीकरण से बिजली की दरों में भारी वृद्धि होगी, जिससे यातायात और अन्य सार्वजनिक सेवाएं भी महंगी हो जाएंगी।