एनर्जी टास्क फोर्स की बैठक में कंसल्टेंट का प्रस्ताव पास होते ही शुक्रवार को पूरे प्रदेश में दलित व पिछड़ा वर्ग के अभियंताओं में भारी रोष देखने को मिला। सभी ने सर्वसम्मति से तय किया कि इस आंदोलन को बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की संवैधानिक व्यवस्था के सम्मान से जोड़कर आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा, क्योंकि निजीकरण लागू होते ही पूरे प्रदेश में लगभग 42 जनपदों से आरक्षण समाप्त हो जाएगा।