AI से अवैध खनन पर लग रहा अंकुश : 316 करोड़ रुपए से अधिक शमन शुल्क की वसूली, हर जिले में 8 टीमें गठित

UPT | AI से अवैध खनन पर लग रहा अंकुश

Jul 11, 2024 18:42

योगी सरकार के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा मानवरहित एआई और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित चेक गेट की स्थापना से अवैध खनन और इसके परिवहन पर प्रभावी अंकुश लगाने में मदद मिल रही है।

Short Highlights
  • AI से अवैध खनन पर लग रहा अंकुश
  • 316 करोड़ रुपए के शमन शुल्क की वसूली
  • हर जिले में 8 टीमें गठित
Lucknow News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर प्रदेश में अवैध खनन और इसके परिवहन के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान में भी नई तकनीक का बड़े स्तर पर उपयोग किया जा रहा है। योगी सरकार के भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा मानवरहित एआई और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित चेक गेट की स्थापना से अवैध खनन और इसके परिवहन पर प्रभावी अंकुश लगाने में मदद मिल रही है। बीते लगभग सवा दो साल में अब तक 24 हजार से अधिक मामलों में एआई, आईओटी और एम चेक ऐप के माध्यम से इन्फोर्समेंट की कार्रवाई को अंजाम दिया जा चुका है। वहीं इस दौरान 316 करोड़ से अधिक का शमन शुल्क भी वसूला गया है। अवैध खनन और इसके परिवहन पर प्रभावी कार्रवाई के लिए हर जिले में आठ टीमें गठित की गई हैं।

25 जिलों में 55 एआई आधारित चेकगेट
वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जहां उद्योग, व्यापार, शिक्षा और मनोरंजन सहित विभिन्न क्षेत्रों में पर्याप्त दखल रखने लगा है, वहीं इसका उपयोग अब अवैध खनन और इसके परिवहन के खिलाफ अभियान में भी हो रहा है। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के 25 जिलों में प्रमुख मार्गों पर 55 मानवरहित एआई एवं आईओटी आधारित चेक गेट स्थापित किए गए हैं। इन चेक गेटों पर लगे हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर के माध्यम से यहां से होकर गुजरने वाले खनिज वाहनों के परिवहन प्रपत्रों की वैधानिकता की जांच रियल टाइम बेसिस पर हो रही है। ये चेकगेट हॉटस्पॉट लोकेशन पर लगाए गए हैं। यही नहीं, सभी चेक गेट विभाग के निदेशालय सहित कमांड सेंटरों के साथ ही जिला स्तर पर बनाए गए कमांड सेंटरों से जुड़े हुए हैं।

ऐप से रियल टाइम स्कैनिंग
इसके अलावा एम चेक ऐप से भी अवैध खनन और उसके परिवहन पर प्रभावी लगाम लगाने में कामयाबी मिली है। एम चेक ऐप एक एंड्रॉयड आधारित मोबाइल एप्लिकेशन है जो खनिज परिवहन प्रपत्रों की स्कैनिंग करने, वाहन से संबंधित आंकड़े प्राप्त करने, प्रोसेसिंग करने एवं वायरलेस ट्रांसमिशन की सुविधाओं से युक्त है। इसके अलावा प्रदेश के प्रत्येक जिले के जनपदीय अधिकारियों को आरएफआईडी हैंड हेल्ड रीडर उपलब्ध कराए गए हैं।

अब तक 316 करोड़ रुपए से अधिक शमन शुल्क की वसूली
विभागीय अधिकारियों के अनुसार वर्ष 2022-23 में एआई के जरिए 9,092 मामलों में इन्फोर्समेंट की कार्रवाई हुई, जिसमें 38.48 करोड़ रुपए वसूले गए। इसी प्रकार 2023-24 में 13,374 मामलों में कार्रवाई हुई जिससे 53.07 करोड़ रुपए का शमन शुल्क वसूला गया। वहीं इस वित्तीय वर्ष में जून माह तक 1,865 मामलों में इन्फोर्समेंट की कार्रवाई की गई है, जिससे 6.51 करोड़ रुपए शमन शुल्क वसूला गया है। दूसरी तरफ एम चेक ऐप के जरिए भी 2022-23 में 19,190 प्रकरणों में प्रवर्तन की कार्रवाई की गई और 80.07 करोड़ रुपए शमन शुल्क वसूले गए। 2023-24 में प्रवर्तन की 26,606 कार्रवाइयां हुईं, जिससे 108.60 करोड़ रुपए वसूले गए। वहीं इस वित्तीय वर्ष में जून माह तक 7,546 मामलों में इन्फोर्समेंट की कार्रवाई हुई, जिससे 30.13 करोड़ रुपए वसूले गए हैं। विभाग द्वारा अब तक कुल 316.86 करोड़ रुपए के शमन शुल्क की वसूली की जा चुकी है।

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