टीकाकरण के दुष्प्रभावों की रिपोर्टिंग पर जोर : सभी केस सेफ-वैक पोर्टल पर दर्ज करना जरूरी, जानें नई गाइडलाइन

UPT | टीकाकरण के दुष्प्रभाव की निगरानी को बनी नई गाइडलाइन पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम

Oct 18, 2024 20:35

प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने जोर देते हुए कहा कि टीकाकरण के बाद उत्पन्न होने वाले दुष्प्रभावों की रिपोर्टिंग से स्वास्थ्य अधिकारियों को सही जानकारी मिलती है, जिससे टीकाकरण के प्रति जनसमूह में विश्वास कायम रहता है।

Lucknow News : स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा है कि टीकाकरण के बाद होने वाले सभी एडवर्स केसों को सेफ-वैक पोर्टल पर रिपोर्ट करना अनिवार्य है। लखनऊ में आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि टीकाकरण के दुष्प्रभावों की सही निगरानी से जनसमूह में टीकाकरण के प्रति विश्वास बनाए रखना आसान होगा। यह कार्यक्रम जिला स्तर के अधिकारियों को नई गाइडलाइनों के तहत प्रशिक्षित करने के लिए आयोजित किया गया।

जनसमूह में विश्वास बनाए रखना जरूरी
इस दौरान प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने जोर देते हुए कहा कि टीकाकरण के बाद उत्पन्न होने वाले दुष्प्रभावों की रिपोर्टिंग से स्वास्थ्य अधिकारियों को सही जानकारी मिलती है, जिससे टीकाकरण के प्रति जनसमूह में विश्वास कायम रहता है। जिलास्तर और राज्य स्तर पर एडवर्स केसों का गहन मूल्यांकन करके सही कारणों का पता लगाया जाना चाहिए।



डब्ल्यूएचओ और राज्य परिवार कल्याण विभाग की भूमिका
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सहयोग से किया गया था। इस अवसर पर राज्य परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक, डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि हर जनपद में एडवर्स इफेक्ट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (एईएफआई) कमेटी की नियमित बैठक होनी चाहिए, चाहे कोई केस रिपोर्ट किया गया हो या नहीं।

एईएफआई केसों की रिपोर्टिंग में देरी को लेकर चिंता
डॉ. नरेन्द्र अग्रवाल ने ग्लोबल वैक्सीन एक्शन प्लान 2016 का हवाला देते हुए कहा कि प्रत्येक एक लाख जीवित शिशुओं पर प्रति वर्ष 10 एईएफआई गंभीर केस रिपोर्ट किए जाने चाहिए। हालांकि, अधिकतर जनपद इस लक्ष्य से काफी पीछे हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर एईएफआई केस को सेफ-वैक पोर्टल पर दर्ज करें और संबंधित दस्तावेज अपलोड करें, जिससे सही तरीके से केस की जांच की जा सके।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेषज्ञों की भागीदारी
कार्यशाला में जिलों के प्रतिरक्षण अधिकारियों, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ, और अन्य विशेषज्ञों ने भाग लिया। भारत सरकार से डॉ. विनीत गोयल, अपर निदेशक यूआईपी डॉ. संदीपा श्रीवास्तव, राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता, और विभिन्न संस्थाओं के राज्यस्तरीय अधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद रहे। कार्यशाला राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों को नई गाइडलाइनों के अनुरूप प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से आयोजित की गई।

Also Read