आम निर्यात पर योगी सरकार का फोकस : वैज्ञानिकों की कोशिश से पैदावार और गुणवत्ता बढ़ी, आसान हुआ कैनोपी प्रबंधन

UPT | सीएम योगी आदित्यनाथ

Nov 28, 2024 15:49

उत्तर प्रदेश में आम का उत्पादन देश में सबसे अधिक है और यह राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर है। राज्य में प्रति हेक्टेयर उत्पादन 16-17 टन तक है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कैनोपी प्रबंधन और सघन बागवानी से इसे बढ़ाकर 20 टन तक पहुंचाया जा सकता है।

Short Highlights
  • योगी सरकार का आम के निर्यात को बढ़ाने पर जोर
  • प्रदेश के आम को मिलेगी अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहचान
  • लखनऊ के मलिहाबाद आम की विदेशों में भी चर्चा
lucknow news : उत्तर प्रदेश में आम का उत्पादन देश में सबसे अधिक है और यह राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर है। राज्य में प्रति हेक्टेयर उत्पादन 16-17 टन तक है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कैनोपी प्रबंधन और सघन बागवानी से इसे बढ़ाकर 20 टन तक पहुंचाया जा सकता है। योगी सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है और बागवानों को आम की गुणवत्ता और उपज बढ़ाने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। 

आसान हुआ कैनोपी प्रबंधन
योगी सरकार ने पुराने बागों के कैनोपी प्रबंधन को आसान बनाने के लिए शासनादेश जारी किया है। यह कदम आम की उपज और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। सरकार ने सहारनपुर, अमरोहा, लखनऊ और वाराणसी में पैक हाउस भी बनाए हैं ताकि निर्यात की गुणवत्ता में सुधार हो सके। वैज्ञानिक लगातार बागवानों को पुराने बागों की इस विधा से प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। इससे आम की उपज और गुणवत्ता में सुधार होगा।


आम के निर्यात के लिए योगी सरकार का जोर
योगी सरकार केंद्र के साथ मिलकर आम के निर्यात को बढ़ाने पर जोर दे रही है। किसानों को निर्यात के मानकों के अनुरूप आम की गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे उत्तर प्रदेश के आम को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहचान मिल सकेगी, खासकर अमेरिका और यूरोपीय देशों में।

आम का उत्पादन और रकबा बढ़ा
उत्तर प्रदेश में आम का उत्पादन पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ा है। देश में आम के उत्पादन में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी बढ़कर  करीब 25 फीसद हो गई है। राज्य में अब सालाना 2.5 मिलियन टन आम का उत्पादन हो रहा है और प्रति हेक्टेयर उत्पादन 17.13 टन हो चुका है। आम के बागवानी का रकबा भी बढ़कर 265.62 हजार हेक्टेयर हो चुका है। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आम की बागवानी में वृद्धि हुई है, खासकर बिजनौर, सहारनपुर और लखनऊ में। 

आम महोत्सव और विदेशों में ब्रांडिंग
योगी सरकार ने आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विदेशों में भी आम महोत्सव आयोजित किए हैं। पिछले साल लखनऊ और अमरोहा के किसान मास्को में आम महोत्सव में शामिल हुए थे, जहां से उन्हें निर्यात के ऑर्डर भी मिले। सरकार अब जेवर एयरपोर्ट के पास रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने जा रही है ताकि आम के निर्यात मानकों को पूरा किया जा सके। इससे निर्यात किए जाने वाले फल, सब्जी और अनाज की गुणवत्ता में सुधार होगा। इस प्लांट में रेडिएशन ट्रीटमेंट तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे उत्पादों में मौजूद कीटाणु मर जाएंगे और उनकी सेल्फ लाइफ बढ़ जाएगी

लखनऊ के मलिहाबादी आम की चर्चा
उत्तर प्रदेश सरकार आम की बागवानी को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में 12 जुलाई को अवध शिल्प ग्राम में आम महोत्सव का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री ने भाग लिया। उनके प्रयासों के कारण मलिहाबाद (लखनऊ) का दशहरी आम पहली बार 160 वर्षों के इतिहास में अमेरिका को निर्यात किया गया। भारत में दशहरी आम की कीमत 60-100 रुपये प्रति किलोग्राम थी, लेकिन अमेरिका में यह 900 रुपये प्रति किलो बिका। इसमें ड्यूटी, टैक्स, कार्गो और एयरफेयर के खर्च के बाद भी, बागवानों को अच्छा लाभ हुआ।

नई प्रजातियों का विकास और बागवानी में सुधार
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान द्वारा नई प्रजातियों जैसे अंबिका, अरुणिमा का विकास किया जा रहा है, जो निर्यात के लिहाज से खासतौर पर फायदेमंद हैं। इन प्रयासों से बागवानों को उच्च गुणवत्ता वाली उपज प्राप्त होगी, जिससे उनका आर्थिक लाभ बढ़ेगा।

उद्यान महाविद्यालय और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना
योगी सरकार रायबरेली में उद्यान महाविद्यालय खोलने जा रही है, जिससे बागवानी से जुड़े शोध और शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। इसमें डिग्री कोर्स के साथ अल्पकालीन प्रशिक्षण के कोर्स भी चलेंगे। इसके अलावा, राज्य सरकार ने हर जिले में हॉर्टिकल्चर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की योजना बनाई है, जिससे बागवानी के क्षेत्र में उन्नति हो और किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री मिल सके। 

चौसा आम की यूएस और यूरोपियन बाजार में मांग
यूएस और यूरोपीय बाजार में चौसा और लंगड़ा आम की अच्छी मांग है। पिछले साल इनोवा फूड के प्रतिनिधिमंडल ने कृषि उत्पादन आयुक्त से मुलाकात की और बताया कि इन दोनों प्रजातियों के निर्यात के मानकों को पूरा किया जाए तो उत्तर प्रदेश के लिए यह एक अच्छा अवसर हो सकता है। ये प्रजातियां उत्तर प्रदेश में ही उगाई जाती हैं और योगी सरकार इनकी निर्यात संभावनाओं को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

रंगीन आम स्वाद और सेहत दोनों में बेहतरीन
आम की लाल रंग की प्रजातियां न केवल आकर्षक होती हैं, बल्कि पौष्टिकता में भी बढ़िया होती हैं। इनमें एंथोसायनिन नामक तत्व होता है, जो सेहत के लिए फायदेमंद है। यह मोटापे और मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करता है और तंत्रिका तंत्र के कार्य को बेहतर बनाता है। साथ ही, इनमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेट्री गुण भी होते हैं, जो शरीर के लिए लाभकारी होते हैं।

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