चिकित्सकों को बिना छुट्टी गैरहाजिरी पड़ेगी महंगी : योगी सरकार की सख्त एक्शन की तैयारी, मांगा गया आरोप पत्र

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Nov 13, 2024 19:00

प्रमुख सचिव ने स्पष्ट किया कि अनधिकृत अनुपस्थिति के मामलों में सख्त कार्रवाई होगी। अनुपस्थित डॉक्टरों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार कर प्रमाणों के साथ, 15 दिनों के भीतर स्वास्थ्य महानिदेशक को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही यह प्रमाण-पत्र भी देना अनिवार्य होगा कि संबंधित डॉक्टर के अलावा अन्य कोई चिकित्सक अनधिकृत रूप से अनुपस्थित नहीं है।

Lucknow News : स्वास्थ्य विभाग बिना अवकाश स्वीकृति के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले चिकित्सकों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कड़े निर्देश जारी करते हुए कहा कि ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, ऐसे डॉक्टरों की सूची नहीं भेजने वाले मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सा अधीक्षकों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा नकारात्मक प्रभाव
प्रदेश के विभिन्न जिलों से मिल रही शिकायतों के आधार पर यह सामने आया है कि कई डॉक्टर बिना पूर्व स्वीकृति के अस्पताल से अनुपस्थित रहते हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर नकारात्मक असर पड़ता है। यह भी देखा गया है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अधीक्षक गैरहाजिर डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक संस्तुति नहीं करते, जिससे विभागीय कार्यप्रणाली में गड़बड़ियां उत्पन्न होती हैं और अस्पताल की सेवाएं बाधित हो जाती हैं।



15 दिन में आरोप पत्र भेजने के निर्देश
प्रमुख सचिव ने स्पष्ट किया कि अनधिकृत अनुपस्थिति के मामलों में सख्त कार्रवाई होगी। अनुपस्थित डॉक्टरों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार कर प्रमाणों के साथ, 15 दिनों के भीतर स्वास्थ्य महानिदेशक को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही यह प्रमाण-पत्र भी देना अनिवार्य होगा कि संबंधित डॉक्टर के अलावा अन्य कोई चिकित्सक अनधिकृत रूप से अनुपस्थित नहीं है। रिपोर्ट के परीक्षण के बाद इसे शासन को भेजा जाएगा ताकि डॉक्टर के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की जा सके।

अनधिकृत अनुपस्थिति और बर्खास्तगी की प्रक्रिया
स्वास्थ्य विभाग में ग्रेडवार डॉक्टरों की तैनाती अलग-अलग चरणों में होती है। लेकिन, कई डॉक्टर बिना सूचना के लंबे समय तक ड्यूटी से अनुपस्थित रहते हैं। ऐसे मामलों में, विभागीय नियमावली के तहत उन्हें नोटिस भेजी जाती है और जवाब न मिलने पर बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू की जाती है। इस प्रक्रिया के जरिए पद रिक्त घोषित कर नई नियुक्ति की जा सकती है। आंकड़ों के अनुसार, हर दो से तीन महीने में नियुक्त होने वाले डॉक्टरों में से लगभग 10 प्रतिशत के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्यवाही होती है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की जिम्मेदारी
मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और अधीक्षकों के द्वारा अनुपस्थित डॉक्टरों की सूची नहीं भेजे जाने से प्रशासनिक कार्यप्रणाली में गड़बड़ी हो रही है। कागजों पर भले ही पद भरे दिखते हैं। लेकिन, अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी साफ नजर आती है। अब एक नई नीति के तहत अनुपस्थित डॉक्टरों की सूची तैयार कर, रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया को फिर से शुरू किया जाएगा।

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