भाजपा विधायक नंद किशोर का विवादित बयान : कहा- हिंदुओं को दरगाह पर नहीं जाना चाहिए, मंदिर में आने वालों का हो मजहबी टेस्ट

UPT | नंद किशोर गुर्जर

Nov 14, 2024 23:17

नंद किशोर गुर्जर ने अपने बयान में कहा कि 'हिंदुओं को दरगाह पर नहीं जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि मंदिरों में आने वाले लोगों के लिए भी मजहबी टेस्ट होना चाहिए।

Short Highlights
  • अपने बयानों को लेकर एक बार फिर चर्चा में नंद किशोर गुर्जर
  • उन्होंने अपने बयान में कहा कि 'हिंदुओं को दरगाह पर नहीं जाना चाहिए
  • मंदिर में आने वालों का होना चाहिए मजहबी टेस्ट
Baghpat News : भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर पहले भी अपने विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहे हैं। वह विभिन्न मुद्दों पर कट्टरपंथी विचार रखने के लिए जाने जाते हैं और उनके बयानों ने कई बार विवादों को जन्म दिया है। नंद किशोर गुर्जर मीरापुर चुनाव के बीच बागपत जिले के छपरौली पहुंचे। जहां उन्होंने एक विवादित बयान दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि हिंदुओं को दरगाह पर नहीं जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर में आने वालों का मजहबी टेस्ट होना चाहिए। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। सोशल मीडिया पर उनके बयान ने तेजी से तूल पकड़ लिया।

हिंदुओं को दरगाह पर नहीं जाना चाहिए
नंद किशोर गुर्जर ने अपने बयान में कहा कि 'हिंदुओं को दरगाह पर नहीं जाना चाहिए,' उनके अनुसार, मजारों में 'जिहादी' लोग दफन हैं, जिन्होंने महिलाओं पर अत्याचार किए थे। उन्होंने कहा कि दरगाहों में जाने का कोई औचित्य नहीं है और हिंदुओं को इससे दूर रहना चाहिए। गुर्जर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब महाकुंभ में मुस्लिम व्यापारियों को दुकान लगाने की अनुमति को लेकर चर्चाएं चल रही हैं। मौलानाओं द्वारा हिंदुओं को दरगाहों पर न जाने की बात से संबंधित एक सवाल पर उन्होंने यह टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने हिंदू समाज के लोगों को भी दरगाहों से दूर रहने की सलाह दी है।

मंदिर में आने वालों का मजहबी टेस्ट होना चाहिए
नंद किशोर गुर्जर ने न केवल दरगाह पर जाने के विषय में अपने विचार रखे, बल्कि मंदिरों में आने वाले लोगों के लिए भी मजहबी पहचान के जांच का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति मंदिर में आता है, तो उससे मंत्र पढ़वाकर उसकी धार्मिक पहचान की पुष्टि करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि उस व्यक्ति का खतना हुआ है या नहीं, इसकी भी जांच होनी चाहिए। उनके अनुसार, यह कदम धार्मिक स्थलों की शुद्धता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

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बयान पर उठ रहे सवाल और विवाद
विधायक नंद किशोर के इस बयान के बाद राजनीतिक और धार्मिक संगठनों में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने उनके बयान को समाज में धर्म के आधार पर विभाजन की कोशिश करार दिया है। उनके बयान से एक ओर जहाँ हिंदू संगठनों के बीच समर्थन मिला है, वहीं दूसरी ओर कई मुस्लिम संगठनों और सेक्युलर विचारधारा के नेताओं ने इसे असंवैधानिक और अस्वीकार्य बताया है। विपक्षी दलों ने भी इस बयान पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे समाज में भाईचारे के खिलाफ बताते हुए नंद किशोर पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस और सपा जैसे प्रमुख विपक्षी दलों ने इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि ऐसे बयान चुनाव के समय समाज में तनाव उत्पन्न कर सकते हैं और जनता को भ्रमित कर सकते हैं।

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