बदलता उत्तर प्रदेश : मेरठ मेट्रो का ट्रायल रन आरंभ, मेरठ साउथ से मेरठ सेंट्रल स्टेशन के बीच 100 किमी की गति से दौड़ी मेट्रो ट्रेन

UPT | एनसीआरटीसी द्वारा मेरठ साउथ से मेरठ सेंट्रल स्टेशन के बीच मेट्रो ट्रेन का ट्रायल रन

Jan 12, 2025 17:19

ट्रेन को मेरठ साउथ स्टेशन से बहुत धीमी रफ्तार में मेरठ सेंट्रल के भूमिगत खंड से ठीक पहले तक के खंड तक लाया गया, जहाँ से वापसी में इसकी रफ्तार को थोड़ा बढ़ाते हुए मेरठ साउथ वापस ले जाया गया।

Short Highlights
  • एनसीआरटीसी ने आज किया ट्रायल रन आरंभ 
  • जल्द ही मेरठ के सेंट्रल स्टेशन तक पहुंचेगी रैपिड
  • धीमी रफ्तार के साथ मेट्रो ने किया भूमिगत खंड में प्रवेश 
Meerut News, RRTS News, NCRTC : मेरठ शहर में स्थानीय मेरठ मेट्रो परिचालित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए एनसीआरटीसी द्वारा आज इसका ट्रायल रन आरंभ कर दिया गया। ट्रायल रन की इस प्रक्रिया में, मेरठ साउथ से मेरठ सेंट्रल स्टेशन के ठीक पहले तक मेरठ मेट्रो की विभिन्न ट्रेनों को अलग-अलग गति पर चला कर उनका परीक्षण किया गया। 

मैन्यूअल तरीके से ट्रेन को ऑपरेट किया जा रहा
ट्रायल रन की प्रक्रिया में मेरठ मेट्रो की ट्रेनों का ट्रैक और ट्रैकशन के साथ परीक्षण किया जा रहा है। इस दौरान ट्रेन कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम (टीसीएमएस) के तहत आरंभ में मैन्यूअल तरीके से ट्रेन को ऑपरेट किया जा रहा है।

बहुत धीमी रफ्तार में भूमिगत खंड तक लाया गया
ट्रेन को मेरठ साउथ स्टेशन से बहुत धीमी रफ्तार में मेरठ सेंट्रल के भूमिगत खंड से ठीक पहले तक के खंड तक लाया गया, जहाँ से वापसी में इसकी रफ्तार को थोड़ा बढ़ाते हुए मेरठ साउथ वापस ले जाया गया। इन ट्रेनों को 40 किमी प्रति घंटे से लेकर 135 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति पर इस दूरी में चला कर इनका परीक्षण किया जा रहा है। परीक्षण की यह प्रक्रिया आगे परिचालन तक निरंतर जारी रहेगी।  

यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए
ट्रायल रन के दौरान, अंतरराष्ट्रीय मानक प्रक्रिया के अनुसार ट्रेनों के विभिन्न प्रकार के परीक्षण किए जाते हैं। इनमें यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, ट्रेनों में सैंडबैग भरकर वजन परीक्षण करना और ट्रेनों की गतिशील परिस्थितियों में सुरक्षा संबंधी जांच शामिल है। साथ ही, इस प्रक्रिया में यात्रियों के लिए राइडिंग कम्फर्ट या आरामपूर्वक यात्रा का भी मूल्यांकन किया जाता है।

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ट्रैक पर उपलब्ध विभिन्न मोड़ों पर चलाया जाता है
इसके लिए ट्रेनों को कॉरिडोर में ट्रैक पर उपलब्ध विभिन्न मोड़ों पर चलाया जाता है। इसके अलावा, सिग्नलिंग, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी), ओवरहेड सप्लाई सिस्टम आदि जैसे विभिन्न उप-प्रणालियों के साथ इसके समन्वय को सत्यापित करने के लिए ट्रेन के एकीकृत प्रदर्शन की जांच करने हेतु कुछ परीक्षण भी किए जाते है। 
 

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