प्रो0 संजीव कुमार शर्मा जी द्वारा अध्यक्षीय भाषण में शोधार्थियों को शुभकामनायें देते हुये कहा कि सामाजिक और सांस्कृतिक समस्या अब विधि समस्या बन गयी है।
Meerut News : लाहौर से हुई विधि शिक्षा की शुरूआत, 1893 से मेरठ कॉलेज विधि संकाय ने दिए नामी न्यायाधीश-प्रोफेसर और अधिवक्ता
Jan 12, 2025 11:01
Jan 12, 2025 11:01
- सीसीएसयू के विधि अध्ययन संस्थान में कार्यक्रम
- शोधार्थियों को दी पीएचडी कोर्स वर्क की जानकारी
- यूजीसी के मानको का ध्यान में रखते हुए शोध
विधि का इतिहास बहुत पुराना
डा0 विवेक कुमार ने कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुये कहा कि विधि के क्षेत्र में शोध का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि विधि का इतिहास बहुत पुराना है। उत्तर भारत में विधि शिक्षा लाहौर में शुरू हुई। उत्तर भारत में मेरठ कॉलेज, मेरठ में सन् 1893 से विधि संकाय कार्य कर रहा है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ ने विधि की महान विभूति दी है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पंकज मित्तल
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चौ0 चरण सिंह का उदाहरण दिया। साथ ही साथ उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पंकज मित्तल, उप्र उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल एवं प्रो0 केपीएस महलवार के बारें में जानकारी दी। विधि के क्षेत्र में न्यायाधीश, प्रोफेसर, अधिवक्ता एवं अन्य के रूप में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, के विद्यार्थी एवं शोधार्थी के रूप में अपना योगदान दे रहे है। उन्होंने विधि के विद्यार्थियों को कठिन परिश्रम करते हुये समाज में अपने शोध द्वारा बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया तथा विधि के शोधार्थियों को शुभकामनायें दी।
विधि के हर क्षेत्र में शोध
प्रो0 पंकज त्यागी जी ने ओरिऐंटेशन प्रोग्राम में अपने विचार रखते हुये कहा कि शोधार्थियों को शोध कैसा होना चाहिए के बारे में प्रकाश डालते हुये कहा कि विधि के हर क्षेत्र में शोध किया जा सकता है। क्योंकि समय के अनुसार समाज में परिवर्तन होता रहता हैं इसलिये विधि में भी परिवर्तन होना चाहिये और शोध इसके लिए अच्छा माध्यम है। उन्होंने शोध की गुणवत्ता के बारें में यूजीसी के मानको का ध्यान में रखते हुए शोध करने के लिए कहा।
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CCSU मेरठ की उपलब्ध्यिों की जानकारी
प्रो0 बीर पाल सिंह जी ने कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुये कहा कि शोधार्थियों को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ की उपलब्ध्यिों की जानकारी देते हुये कहा कि हमारा विश्वविद्यालय का नैक में A++ ग्रेड है। विभिन्न मानकों पर देशभर के उच्च शैक्षिण संस्थानों के लिए एनआईआरएफ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने टॉप 200 विश्वविद्यालय की सूची में अपना स्थान प्राप्त किया है। उत्तर प्रदेश राज्य में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय का उच्च स्थान है एवं राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हमारे विश्वविद्यालय ने अच्छा प्रदर्शन किया है। साथ ही क्यूएस रैकिंग के बारे में भी जानकारी दी। जिसमें उन्होंने बताया कि क्यूएस रैकिंग में विश्वविद्यालय ने 219वाँ स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने प्रो0 सरू कुमारी चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के बारे में बताते हुये कहा कि क्लेरिवेट में महिला वर्ग में देशभर में प्रथम स्थान पर रही।
सांस्कृतिक समस्या अब विधि समस्या बन गयी
प्रो0 संजीव कुमार शर्मा जी द्वारा अध्यक्षीय भाषण में शोधार्थियों को शुभकामनायें देते हुये कहा कि सामाजिक और सांस्कृतिक समस्या अब विधि समस्या बन गयी है। इसलिये समाज में अनेक कमियों उभरकर समाने आयी है। उन्होंने विलम्ब से न्याय मिलने के बारे में बताया कि व्यक्ति का आधे से ज्यादा समय न्यायालय की ट्रायल प्रक्रिया में ही लग जाता है और व्यक्ति को समय पर न्याय नही मिल पाता। इसके पश्चात् उन्होने कहा कि दहेज प्रथा एक सामाजिक समस्या है।
14 वर्ष तक विद्यार्थियों को शिक्षा न मिलना एक आर्थिक समस्या
14 वर्ष तक विद्यार्थियों को शिक्षा न मिलना एक आर्थिक समस्या है। लेकिन हमने इन्हे विधिक समस्या बना दिया है। इसलिये समाज में विधि का दृरूपयोग हो रहा है। उन्होंने शोध के लिये प्लेगरिज्म के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन डा0 अपेक्षा चौधरी ने किया एवं कार्यक्रम में श्रीमति सुदेशना ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम में डा0 कुसुमा वती, श्री आषीश कौशिक, डा0 विकास कुमार, डा0 सुशील कुमार शर्मा, डा0 महिपाल सिंह एवं शोधार्थी उपस्थित रहें।
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