Bulandshahar
ऑथर Jyoti Karki

बुलंदशहर की खास विरासतें : यहां मौजूद है 188 साल पुरानी जेल और बाबा मस्तराम घाट

wikipedia, Media | Garden gate Bulandshahar

Nov 06, 2023 17:54

यह जिला अपनी विरासत और बुलंदियों के लिए जाना जाता है। कभी आप बुलन्‍दशहर जाते हैं तो एक बार उन स्‍थानों पर भी भ्रमण करके आइये, जो इतिहास के पन्‍नों में अपनी खास पहचान रखते हैं।

Short Highlights
  • यहां मौजूद है 188 साल पुरानी जेल और बाबा मस्तराम घाट 
  • नरौरा ताप विद्युत केंद्र
  • काला आम चौराहा
  • मलका पार्क बुलंदशहर
  • हर हर महादेव मंदिर बुलंदशहर

 

Bulandshahar : यह जिला अपनी विरासत और बुलंदियों के लिए जाना जाता है। कभी आप बुलन्‍दशहर जाते हैं तो एक बार उन स्‍थानों पर भी भ्रमण करके आइये, जो इतिहास के पन्‍नों में अपनी खास पहचान रखते हैं। इसलिए हम इतिहास के पन्‍नों से बुलन्‍दशहर की विरासत समेटकर लाए हैं, जिसको जानकर आपकी जिज्ञासा बढ़ जाएगी।

188 साल पुरानी जेल
इस जिले में अंग्रेजों के जमाने की 188 साल पुरानी जेल मौजूद है। जिसे इतिहासकार विरासत का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। 188 वर्षों से अधिक के अपने इतिहास में बुलन्‍दशहर जेल में 1857 से लेकर 1947 तक बनारसी दास और महावीर त्यागी जैसे अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों और स्वतंत्रता आंदोलन के प्रतीकों को रखा गया था। 1835 में अंग्रेजों ने उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक बुलन्‍दशहर जेल का निर्माण किया और यह एक सदी से भारत के स्वतंत्रता संग्राम के मूक गवाह के रूप में मौजूद है। यह जेल ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बनाई गई, जो अब जर्जर इमारत में तब्‍दील हो चुकी। यह जेल विदेशी सत्ता से स्वतंत्रता की तलाश में भारतीयों द्वारा सामना की गई चुनौतियों का एक शक्तिशाली अनुस्मारक है।

2011 में बंद हो गया जेल का संचालन
जानकारी के अनुसार 1845 में इस जेल भवन का विस्तार किया गया और मुख्य रूप से जगह की कमी के कारण 2011 में इसका संचालन बंद कर दिया गया। माना जाता है कि इस जेल को अन्य इमारतों ने इसे घेर लिया है। जिससे विस्तार की कोई संभावना नहीं बची। जिससे अधिक कैदियों को समायोजित करना चुनौतीपूर्ण हो गया था। फलस्वरूप इस जेल को बंद करना पड़ा और परिणामस्वरूप इसे जीर्ण-शीर्ण अवस्था में छोड़ दिया गया।

नरौरा ताप विद्युत केंद्र
नरौरा ताप विद्युत संयंत्र केंद्र भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बुलन्दशहर जिले के नरौरा क्षेत्र में स्थित है। इसकी पहली इकाई ने 01 जनवरी 1991 से कार्य करना आरम्भ कर दिया था। वहीं दूसरी इकाई 01 जुलाई 1992 से शुरू हुई। प्रत्येक इकाई की क्षमता 220 मेगा वॉट है। यह स्वदेश डिजाइन, उन्नत दबावयुक्त तथा भारी जल पर आधारित है। यह विद्युत संयंत्र गंगा के तट पर मौजूद है। जिससे प्रदेश के लिए बिजली आपूर्ति होती है।

काला आम चौराहा
काला आम चौराहा बुलन्‍दशहर का एक मुख्य ऐतिहासिक स्थल है। जहां ब्रिटिश शासनकाल में मौजूदा सरकार के द्वारा क्रांतिकारियों को फांसी की सजा दी गई थी। इसे पहले कत्ल-ए-आम के नाम से जाना जाता था। जहां पर एक आम का पेड़ हुआ करता था। अब क्रांतिकारियों की याद में यहां पर एक स्मारक बना दिया गया है। जिसके साथ ही इस चौराहे का नाम काला आम चौराहा पड़ गया।

मलका पार्क बुलन्‍दशहर 
बुलन्‍दशहर में एक बहुत ही सुंदर पार्क मौजूद है, जिसे मलका पार्क के नाम से जाना जाता है। जो बुलन्‍दशहर जिले में काला आम चौराहे के पास में ही स्थित है। बताया जाता है कि यहां पहले एक क्लॉक टावर हुआ करता था, जो देखने में खासा अच्छा लगता था। साथ ही यह पार्क बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है, जहां बहुत सारे झूले लगे हुए हैं। जो बच्चे को बेहद पसंद आता है। इस पार्क में एंट्री एकदम फ्री है। आप यहां घूमने जा सकते हैं।

हर हर महादेव मंदिर बुलन्‍दशहर
यहां बुलन्‍दशहर के अनूपशहर इलाके में एक प्रसिद्ध मंदिर हर हर महादेव मंदिर है। यह मंदिर शिवजी भगवान को समर्पित है। यह मंदिर अनूपशहर में स्थित मस्तराम घाट के पास में ही बना हुआ है। मंदिर में एक बहुत बड़ा गार्डन बना मौजूद है। साथ ही इस मंदिर में शिव भगवान जी के साथ नंदी भगवान के भी दर्शन करने को मिलते हैं। साथ ही यह मंदिर बुलन्‍दशहर में आस्‍था का प्रतीक है। जहां श्रावण मास में जल चढ़ाया जाता है।

अनूपशहर का बाबा मस्तराम घाट
बुलन्‍दशहर में ही एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, बाबा मस्तराम घाट। यह अनूपशहर शहर में स्थित हैं, जिसे जेपी घाट के नाम से भी जाना जाता है। इस घाट में हनुमान जी की बहुत बड़ी प्रतिमा विराजमान है। यहां आकर लोगों को बहुत अच्छा महसूस होता है। साथ ही यहां एक बहुत सुंदर गार्डन भी बना हुआ है जो गंगा नदी के किनारे है। यहां आकर इस घाट में आप नहा भी सकते हैं और बोटिंग का भी मजा ले सकते हैं।

सिद्ध पीठ श्री महाकाली मंदिर 
सिद्ध पीठ श्री महाकाली मंदिर बुलन्‍दशहर का एक प्रसिद्ध महाकाली मंदिर है। यह मंदिर मां काली को समर्पित है। नवरात्रि के समय इस मंदिर पर श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रहती है। यहां आप घूमने के साथ ही दर्शन करने के लिए कभी भी जा सकते हैं। साथ ही अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना कर सकते हैं।

Also Read