मेरठ विश्वविद्यालय में खेला : सीसीएसयू से ली फर्जी डिग्री, बेंगलुरु में चार बने असिस्टेंट प्रोफेसर, जांच हुई तो उड़े होश

UPT | मेरठ चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय

Feb 12, 2024 16:10

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से पीएचडी की फर्जी डिग्री लेकर महिला सहित चार लोगों ने बेंगलुरु में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी पा ली। जांच में खुलासा हुआ तो विजिलेंस टीम को मामला सौंपा गया। विजिलेंस की जांच में बड़े राज खुले हैं।

Meerut CCSU News : मेरठ की चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से पीएचडी की फर्जी डिग्री लेकर महिला सहित चार लोगों ने बंगलूरु में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी पा ली। जांच में खुलासा हुआ तो विजिलेंस टीम को मामला सौंपा गया। विजिलेंस की जांच में बड़े राज खुले हैं।

जानिए पूरा मामला
चौधरी चरण सिंह विवि(सीसीएसयू)के नाम की फर्जी डिग्री से बेंगलुरु के डिपार्टमेंट ऑफ कॉलिजिएट एंड टेक्नीकल एजूकेशन में महिला सहित चार लोगों ने असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर तैनाती पा ली। कर्नाटक सरकार ने जब सीसीएसयू से इन डिग्रियों का वेरीफिकेशन कराया तो 27 अक्तूबर 2022 को सीसीएसयू के लेटरपैड पर डिग्रियां सही होने की रिपोर्ट भेजी गई। इसका खुलासा तब हुआ जब बेंगलुरु से विजिलेंस टीम आई। जांच में सभी डिग्रियां फर्जी पाई गई हैं। वेरीफिकेशन पत्र भी फर्जी है। लेकिन उस पर मुहर सीसीएसयू की है। गोपनीय विभाग ने मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जिससे इस पर जांच बैठा दी गई है।

महिला ने राजनीति विज्ञान में ली फर्जी पीएचडी की डिग्री
गोपनीय विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बेंगलुरु विजलेंस टीम चार असिस्टेंट प्रोफेसर की मार्कशीट और डिग्रियां लेकर सीसीएसयू पहुंची। इसमें नागानागौडा, देवेंद्र बाबू व सचिन कुमार की डिप्लोमा इन लाइब्रेरी एंड इन्फोरमेंशन साइंस और ज्योतिश्री की राजनीति विज्ञान में 2019 में हुई पीएचडी की डिग्री थी।
विजिलेंस टीम ने सीसीएसयू के गोपनीय विभाग के अधिकारियों से बात की। विजिलेंस टीम ने बताया कि बंगलूरु के शेशाद्रि रोड स्थित डिपार्टमेंट ऑफ कॉलिजिएट एंड टेक्नीकल एजुकेशन में चार लोगों की असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर तैनाती है। जानकारियां मिल रही हैं कि इन चारों की डिग्रियां फर्जी हैं, लेकिन पुष्टि नहीं हो रही थी।

वेरीफिकेशन पत्र पर कुलसचिव व गोपनीय विभाग की मुहर
गोपनीय विभाग की जांच के दौरान सभी मार्कशीट और डिग्री फर्जी पाई। इसकी पुष्टि होने के बाद विजिलेंस टीम ने वेरीफिकेशन पत्र की प्रमाणिकता के बारे में जानकारी की। वेरीफिकेशन पत्र में चारों डिग्रियां सही होना दिखाया गया था। जब कर्मियों ने वेरीफिकेशन पत्र पर कुलसचिव व गोपनीय विभाग की मुहर देखी तो उनका सिर चकरा गया। वह एक दम असली जैसी थी। कर्मियों ने वेरीफिकेशन पत्र पर लिखे पत्रांक के आधार पर रजिस्टर खंगाला लेकिन उसका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।
 

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