आम्रपाली की सोसाइटी के फ्लैट में छत का प्लास्टर गिरा : घटिया निर्माण पर उठे सवाल, कोर्ट रिसीवर और एनबीसीसी पर बड़े आरोप

UPT | आम्रपाली की सोसाइटी के फ्लैट में छत का प्लास्टर गिरा

Dec 15, 2024 21:06

होम बायर्स का कहना है कि एनबीसीसी ने घटिया गुणवत्ता का निर्माण किया है, जिसके चलते छतें गिरने जैसी गंभीर घटनाएं हो रही हैं। सोसाइटी का निर्माण कार्य पूरा हुए अभी एक साल भी नहीं हुआ है, और जगह-जगह कमियां सामने आ रही हैं।

Noida News : नोएडा शहर में हाल ही में निर्मित आम्रपाली गोल्फ होम्स किंग्सवुड सोसाइटी में फ्लैट की छत से प्लास्ट गिरने की घटना सामने आई है। इस हादसे ने होम बायर्स में खौफ और नाराजगी पैदा कर दी है। बड़ी बात यह है कि एनबीसीसी (नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस सोसाइटी का निर्माण किया है। फ्लैट्स अभी पूरी तरह से कब्जे खरीदारों के में नहीं आए हैं।

होम बायर्स का आरोप
होम बायर्स का कहना है कि एनबीसीसी ने घटिया गुणवत्ता का निर्माण किया है, जिसके चलते छतें गिरने जैसी गंभीर घटनाएं हो रही हैं। सोसाइटी का निर्माण कार्य पूरा हुए अभी एक साल भी नहीं हुआ है, और जगह-जगह कमियां सामने आ रही हैं।
  •  एनबीसीसी ने अभी तक पोजेशन लेटर और फ्लैट्स की चाबियां उपलब्ध नहीं कराई हैं।
  •  सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित सुविधाएं, जैसे वॉटर गीजर, आरओ, ट्यूबलाइट और पंखे, फ्लैट्स से हटा दिए गए हैं।
  •  सोसाइटी का बुनियादी निर्माण अधूरा है, लेकिन एनबीसीसी ने नया प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना बना ली है।
कोर्ट रिसीवर और एनबीसीसी के कामकाज पर सवाल
होम बायर्स ने आरोप लगाया कि जब वे अपनी शिकायत लेकर कोर्ट रिसीवर (सीआर) ऑफिस जाते हैं, तो उनकी सुनवाई नहीं होती। सीआर ऑफिस एनबीसीसी से बात करने का सुझाव देता है, जबकि एनबीसीसी सीधे तौर पर होम बायर्स से संवाद करने से इनकार करता है। एनबीसीसी का कहना है कि वे केवल सीआर को रिपोर्ट करते हैं। कुल मिलाकर होम बायर्स की सुनवाई करने वाला कोई नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन?
होम बायर्स का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस सोसाइटी में तय सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन उनका पालन नहीं हुआ है। घटिया निर्माण और अधूरी सुविधाओं के चलते लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। घटना के बाद होम बायर्स ने एनबीसीसी और सीआर से जल्द से जल्द समाधान की मांग की है। उनका कहना है कि अगर उनकी शिकायतों का समाधान नहीं हुआ, तो वे बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। अब देखना यह है कि कोर्ट रिसीवर और एनबीसीसी इन परेशान होम बायर्स की समस्याओं का समाधान कब और कैसे करते हैं। 

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