Ghaziabad news : यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के चलते भाकियू ने ट्रैक्टर रैली स्थगित की, पैदल मार्च कर डीएम को सौंपा ज्ञापन

UPT | गाजियाबाद कलक्ट्रेट में भाकियू चढूनी गुट के पदाधिकारी पैदल मार्च कर ज्ञापन देने जाते।

Feb 17, 2024 20:53

किसान का संपूर्ण कर्ज माफी हो। भूमि अधिग्रण कानून 2013 लागू हो। बिजली विधेयक 2020 रद्द हो। वरिष्ठ किसानों को 10 हजार प्रतिमाह पेंशन दी जाय। मनरेगा मजदूरी 700 रुपए हो और 200 दिन वर्ष में काम मिले। इसी के साथ डब्ल्यूटीओ से सरकार समझौता समाप्त करे।

Short Highlights
  • गाजियाबाद की तीनों तहसीलों में किया प्रदर्शन 
  • फसलों के लिए आयोग बनाया जाए 
  •  स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश लागू करने की मांग
Ghaziabad news : दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में आज भारतीय किसान यूनियन चढूनी गुट ने पश्चिम यूपी के सभी जिलों में पैदल मार्च किया। पैदल मार्च कार्यक्रम जिला मुख्यालयों और तहसीलों में आयोजित किया गया। बता दें 17 फरवरी को भारतीय किसान यूनियन चढूनी गुट ने ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की थी। लेकिन 17 फरवरी को पुलिस भर्ती परीक्षा को देखते हुए ट्रैक्टर रैली को स्थगित कर दिया गया। इसकी जगह पैदल मार्च कर जिला और तहसील मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपने का कार्यक्रम रखा गया था। 

इसी के तहत 17 फरवरी शनिवार को गाजियाबाद में मास्टर मनोज नागर राष्ट्रीय महासचिव भारतीय किसान यूनियन चढूनी के नेतृत्व में पैदल मार्च कर जिला मुख्यालय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन जिला अधिकारी गाजियाबाद के माध्यम से भेजा गया। मनोज नागर ने बताया कि भारतीय किसान यूनियन चढूनी आज पूरे यूपी के प्रत्येक जिला मुख्यालय, प्रत्येक तहसील मुख्यालय पर ज्ञापन देने का कार्य कर रही है।

सभी 23 फसलों पर एमएसपी यानी फसल खरीद गारंटी कानून
प्रत्येक मुख्यालय पर 11 कार्यकर्ता पदाधिकारी जाकर ज्ञापन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सभी 23 फसलों पर एमएसपी यानी फसल खरीद गारंटी कानून स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर बने। किसान का संपूर्ण कर्ज माफी हो। भूमि अधिग्रण कानून 2013 लागू हो। बिजली विधेयक 2020 रद्द हो। वरिष्ठ किसानों को 10 हजार प्रतिमाह पेंशन दी जाय। मनरेगा मजदूरी 700 रुपए हो और 200 दिन वर्ष में काम मिले। इसी के साथ डब्ल्यूटीओ से सरकार समझौता समाप्त करे। लखीमपुर खीरी के दोषियों को कड़ी सजा मिले और किसानों को मुआवजा मिले। फसलों के लिए आयोग बनाया जाए।

नकली बीज और उर्वरक बनाने वाली कंपनियों पर सख्त कानून बने
आदिवासियों के अधिकार उन्हें दिए जाए। नकली बीज और उर्वरक बनाने वाली कंपनियों पर सख्त कानून बने। किसान आंदोलन में शहीद किसानों को मुआवजा मिले और प्रत्येक शाहिद किसान के परिवार को एक सरकारी नौकरी दी जाए।  उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले की स्थानीय समस्याओं का ज्ञापन साथ में दिया जा रहा है। जिनका समाधान की तुरंत मांग की गई है।

बीकेयू चढूनी किसान आंदोलन में पूरी तरह किसानों के साथ आंदोलन में शामिल
जिला अध्यक्ष प्रमोद त्यागी ने कहा कि उपरोक्त मांगों को भारत सरकार अविलंब पूर्ण कर घोषणा करे, नहीं तो आंदोलन उग्र किया जाएगा। बीकेयू चढूनी किसान आंदोलन में पूरी तरह किसानों के साथ आंदोलन में शामिल हो जाएगी। ज्ञापन देने में मुख्य रूप से मास्टर मनोज नागर, प्रमोद त्यागी, दीपक शर्मा, जान मोहम्मद वासी, मुकेश त्यागी, विजेंद्र कुमार, अमित त्यागी, डॉ श्याम सुंदर त्यागी और अमित त्यागी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
 

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