मेरठ में मोदी : चौधरी संग चौधरी और हल से हल निकाल गए प्रधानमंत्री

UPT | मेरठ में मोदी, जयंत, भूपेंद्र

Mar 31, 2024 22:42

अगर वेस्ट यूपी में जाट बिरादरी के राजनीतिक रसूख की बात करें तो सहारनपुर लोकसभा सीट पर 2.8 फीसदी इस जाति के वोटर हैं। कैराना संसदीय सीट पर 17.5 प्रतिशत, मुजफ्फरनगर में 16.8 प्रतिशत, बिजनौर में...

Short Highlights
  • जाटों को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने भूपेंद्र चौधरी को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बनाया है।
  • अब भाजपा और रालोद गठबंधन होने के कारण जाट मतदाताओं में बिखराव का संशय खत्म हो गया है।
Meerut News  (पंकज पाराशर) : अठारहवीं लोकसभा के लिए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ से शंखनाद कर दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के बाद करीब 15 साल बाद रालोद और भाजपा साथ आ गए हैं। रालोद का हाथ भाजपा ने थाम लिया है। मेरठ में चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी को रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने हल भेंट किया। इस दौरान उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी साथ खड़े थे। किसानों को साधने का पूरा प्रयास किया गया। अपना दाल की अनुप्रिया पटेल ने भी हल पकड़ा था। दरअसल, वेस्ट यूपी ही नहीं पूरे प्रदेश में किसानों की बड़ी संख्या है। पंजाब के किसानों के निशाने पर नरेंद्र मोदी हैं। एक तरफ रालोद का साथ बीजेपी को मिला है तो अब हल के जरिए किसानों को भी साथ लाने की पूरी तैयारी हो गई है। मोदी के साथ जयंत, भूपेंद्र और अनुप्रिया के खड़े होने से ओबीसी कम्युनिटी को भरपूर सुकून मिला होगा।

चौधरी संग चौधरी
जाटों को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने भूपेंद्र चौधरी को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बनाया है। इस रास्ते की सबसे बड़ी बाधा राष्ट्रीय लोकदल और जयंत चौधरी बने हुए थे। अब चौधरी संग चौधरी खड़े हो गए हैं। दोनों चौधरी साथ आए तो जाटों के बिखराव की संभावना नगण्य हो गई है। दोनों चौधरी ने प्रधानमंत्री को हल थमाया तो किसानों को दोस्ती का सन्देश चला गया। हल ने किसानों से जुड़ी परेशानी का हल कर दिया है।

जाट बिरादरी का समीकरण
अगर वेस्ट यूपी में जाट बिरादरी के राजनीतिक रसूख की बात करें तो सहारनपुर लोकसभा सीट पर 2.8 फीसदी इस जाति के वोटर हैं। कैराना संसदीय सीट पर 17.5 प्रतिशत, मुजफ्फरनगर में 16.8 प्रतिशत, बिजनौर में 14.5 प्रतिशत, नगीना में 8 प्रतिशत, मुरादाबाद में 9 प्रतिशत, रामपुर में 2.3 प्रतिशत, संभल में 4.6 प्रतिशत, अमरोहा में 12.3 प्रतिशत, मेरठ में 15 प्रतिशत, बागपत में 22.5 प्रतिशत, गाजियाबाद में 11 प्रतिशत, गौतमबुद्ध नगर में 6.6 प्रतिशत, बुलंदशहर में 11 प्रतिशत, अलीगढ़ में 14 प्रतिशत, हाथरस में 15 प्रतिशत, मथुरा में 21 प्रतिशत, आगरा में 7 प्रतिशत, फतेहपुर सीकरी में 4 प्रतिशत और फिरोजाबाद में 5 प्रतिशत जाट वोटर हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी के लिए जाट वोटर कितने जरूरी हैं। अब भाजपा और रालोद गठबंधन होने के कारण जाट मतदाताओं में बिखराव का संशय खत्म हो गया है।

जयंत का हल
इस बार पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के बाद रालोद का साथ भी मिल गया। इसके चलते रालोद का हाथ भाजपा ने थाम लिया है। मेरठ में हुई चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी को रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने हल भेंट किया। जिसके जरिए किसानों को साधने का पूरा प्रयास किया गया। क्योंकि वेस्ट यूपी ही नहीं पूरे प्रदेश में किसानों की बड़ी संख्या मौजूद है। एक तरफ जहां रालोद का साथ बीजेपी को मिला है वहीं अब किसानों को भी साथ लाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। हल के जरिए ओबीसी कम्युनिटी को भी पूरी तरह साथ लेकर चलने पर जोर दिया गया। किसानों की जमात में सबसे अधिक ओबीसी ही शामिल हैं।

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