गाजियाबाद में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज का विरोध : मिर्जापुर में टैक्स बार अधिवक्ताओं का धरना-प्रदर्शन

UPT | प्रदर्शन करते वकील।

Nov 04, 2024 21:44

गाजियाबाद में 29 अक्टूबर को अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज की घटना के विरोध में उत्तर प्रदेश टैक्स बार एसोसिएशन के आह्वान पर मिर्जापुर में टैक्स बार अधिवक्ताओं ने सोमवार को शिवाला महंत स्थित राज्य जीएसटी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया।

Ghaziabad News :  गाजियाबाद में 29 अक्टूबर को अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज की घटना के विरोध में उत्तर प्रदेश टैक्स बार एसोसिएशन के आह्वान पर मिर्जापुर में टैक्स बार अधिवक्ताओं ने सोमवार को शिवाला महंत स्थित राज्य जीएसटी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। इस धरना-प्रदर्शन में कर अधिवक्ता संघ, टैक्स बार एसोसिएशन और विंध्य टैक्स बार एसोसिएशन के कई अधिवक्ता एकजुट हुए। उन्होंने प्रशासन द्वारा अधिवक्ताओं पर हुई बर्बर कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार से अधिवक्ताओं के प्रति इस तरह की हिंसा रोकने की अपील की। 

आंदोलन अधिवक्ताओं के आत्म-सम्मान और सुरक्षा की रक्षा के लिए किया जा रहा 
इस प्रदर्शन का नेतृत्व संयुक्त सचिव अमित श्रीवास्तव ने किया, जिन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह आंदोलन अधिवक्ताओं के आत्म-सम्मान और सुरक्षा की रक्षा के लिए किया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि अधिवक्ताओं के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार जारी रहा, तो वे कड़े विरोध में उतरने के लिए मजबूर होंगे। श्रीवास्तव ने बताया कि यह प्रदर्शन प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार हो रहा है और भविष्य में नेतृत्व के निर्देशों का पालन करते हुए मिर्जापुर के अधिवक्ता इस संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।

ये रहे प्रदर्शन में मौजूद 
धरना-प्रदर्शन में विंध्य टैक्स बार एसोसिएशन के संरक्षक राम जी, टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल कुमार, गंगाधर सिंह, सुरेश चंद्र, नीरज त्यागी, नवीन श्रीवास्तव, इरशाद अहमद, संजीव कुमार, गुंजन कुमार, सौरभ श्रीवास्तव, शिव कुमार शुक्ल, रामेश्वर तिवारी, सोनल, राजीव श्रीवास्तव, और ओम प्रकाश सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने हिस्सा लिया। उन्होंने एकजुट होकर प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया और गाजियाबाद में अधिवक्ताओं पर हुई हिंसा की कड़ी निंदा की।

अधिवक्ताओं का कहना था कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती और गाजियाबाद की घटना के दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं की जाती। अधिवक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि यह विरोध अधिवक्ताओं के अधिकारों और उनके आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए आवश्यक है। 

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