पाक्सो एक्ट मामले में हुई सुनवाई : 8 साल बाद मिला इंसाफ, दोषी को 5 वर्ष की कठोर कैद, जानें कितना लगा अर्थदंड

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Mar 20, 2024 14:29

नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़खानी के मामले में बुधवार को सुनवाई हो गई है। अपर सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर बृजेंद्र को 5 वर्ष की कठोर कैद...

Short Highlights
  • अर्थदंड न देने पर  एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
  • जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी
  • अर्थदंड की धनराशि में से 8 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी 
  • साढ़े 8 वर्ष पूर्व नाबालिग लड़की के साथ हुए  छेड़खानी का मामला
Sonbhadra News (ज्ञान प्रकाश चतुर्वेदी) : साढ़े 8 वर्ष पूर्व नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़खानी के मामले में बुधवार को सुनवाई हो गई है। अपर सत्र न्यायाधीश और विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर बृजेंद्र को 5 वर्ष की कठोर कैद और 10 हजार  रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं, अर्थदंड की धनराशि में से 8 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।

यह है पूरा मामला
अभियोजन पक्ष के मुताबिक करमा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता की मां ने 25 जून 2015 को थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 16 जून 2015 को उसकी नाबालिग लड़की नाच देखने गई थी। वहां पर बृजेंद्र निवासी सहदेईया, थाना करमा, जिला सोनभद्र भी नाच देखने गया था। रात्रि करीब डेढ़ बजे जब उसकी नाबालिग बेटी लघु शंका करने नाच स्थल से कुछ दूर गई तो पीछे पीछे बृजेंद्र भी वहां चला गया और उसकी नाबालिग लड़की को कंधे पर उठाकर लेकर जाने लगा। जब लड़की ने शोरगुल किया तो मौके पर कई लोग आ गए, लड़की को छोड़कर बृजेंद्र भाग गया। इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में छेड़खानी और पाक्सो एक्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। 

8 साल बाद मिली दोषी को सजा
मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी बृजेंद्र को 5 वर्ष की कठोर कैद और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं, अर्थदंड की धनराशि में से 8 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

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