सोनभद्र में बोले RSS नेता : पुस्तकों से जाेड़ें नाता तो बदल सकती है इंसान की दुनिया, अच्छी मित्र होती हैं किताबें

UPT | सोनभद्र में पुस्तकालय का उद्घाटन

Feb 23, 2024 17:44

सोनभद्र जिले में लेखक व साहित्यकार विजय शंकर चतुर्वेदी के आवास पर नवसृजित पुस्तकालय का शुक्रवार को उद्घाटन किया गया। जहां मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत प्रचारक रमेश कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि 'पुस्तकें किसी व्यक्ति की दुनिया बदल सकती हैं, यदि...

Sonbhadra News : सोनभद्र जिले में लेखक व साहित्यकार विजय शंकर चतुर्वेदी के आवास पर नवसृजित पुस्तकालय का शुक्रवार को उद्घाटन किया गया। जहां मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत प्रचारक रमेश कुमार ने अपने कहा कि 'पुस्तकें किसी व्यक्ति की दुनिया बदल सकती हैं, यदि उनसे नाता जोड़ा जाए।' अन्य वक्ताओं ने पुस्तकों और उनके लेखकों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने लोगों की पुस्तकों से दूरी पर चिंता व्यक्त की। 

पुस्तकों से दूरी पर व्यक्त की चिंता
लेखक व साहित्यकार विजय शंकर चतुर्वेदी के नगर स्थित आवास पर नवसृजित पुस्तकालय का विधिवत उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे काशी प्रांत प्रचारक रमेश कुमार ने भागदौड़ भरी जिंदगी में पुस्तकों से बन रही दूरी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हम मोबाइल से ज्ञान प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। वह उचित नहीं है। अच्छी पुस्तकें हमारे मानसिक कद में वृद्धि करती हैं। कोई घर तभी संपूर्णता प्राप्त करता है, जब उसमें रामचरित मानस और गीता जैसे ग्रंथ होते हों। पुस्तकों का सानिध्य हमें संस्कारित भी करता है। वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर चतुर्वेदी ने कहा कि आज का युवा वर्ग भारतीय दर्शन, संस्कृति और धर्म की विशिष्टताओं को जानना चाहता है और ऐसी पुस्तकें खोजकर पढ़ता है।

पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक : राकेश त्रिपाठी
विजय शंकर चतुर्वेदी ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण की नई पुस्तक ' सनातन, संवाद कथाएं' मुख्य अतिथि को भेंट की। उन्होंने प्रसिद्ध लेखक मार्क ट्वीन की उक्ति 'अच्छे मित्र, अच्छी किताबें और साफ अंत:करण ही आदर्श जीवन है' के बारे में बताते हुए जीवन में पुस्तकों के महत्व को परिभाषित किया। राकेश त्रिपाठी उर्फ शिशु ने कहा कि महात्मा गांधी के कथन कि पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक है, क्योंकि पुस्तकें अंत:करण को उज्ज्वल करती हैं। अरविंद नाथ ने अंग्रेज विद्वान लेमनी स्निकेट के कथन 'कभी ऐसे व्यक्ति पर भरोसा न करें, जिसके पास कोई पुस्तक न हो' पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर मात्र दो से तीन वर्ष के छोटे बच्चों को गायत्री मंत्र, अन्नपूर्णा मंत्र सहित कई श्लोक कंठस्थ कराने वाली शिक्षिका रागिनी का मुख्य अतिथि द्वारा अंगवस्त्रम के साथ अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सोनभद्र से विभाग संचालक पुनीत लाल, विभाग प्रचारक उपेंद्र, जिला प्रचारक देवदत्त, क्रीड़ा भारती के संयोजक अरविंद नाथ सहित राकेश कुमार त्रिपाठी, विशेष पांडेय, आशुतोष चतुर्वेदी सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे ।

Also Read