Sonbhadra News : पॉक्सो एक्ट में आरोपी दोषी करार, 20 साल की कैद, एक लाख पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया

UPT | जनपद एवं सत्र न्यायालय सोनभद्र

Oct 22, 2024 01:00

साढ़े छह वर्ष पूर्व 11 वर्षीय नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने सोमवार को आरोपी महेश गोड़ को दोषी पाते हुए 20 वर्ष सश्रम कारावास व 1,05,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

Short Highlights
  • एक लाख 5 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
  • अर्थदंड की धनराशि में से 80 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी 

Sonbhadra News :  सोनभद्र जिले में एक नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के आरोपी को कड़ी सजा सुनाई गई है। यह घटना साढ़े छह साल पहले घटी थी, जब एक 11 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार किया गया था। सोमवार को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाया।

आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा
अदालत ने आरोपी महेश गोड़ को दोषी पाते हुए उसे 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उस पर एक लाख पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि आरोपी जुर्माना अदा करने में असमर्थ रहता है, तो उसे एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।


जून 2018 का है मामला
इस मामले की शुरुआत 4-5 जून 2018 की रात को हुई थी। ओबरा थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली 11 वर्षीय लड़की अपने घर में सो रही थी। रात करीब 9 बजे महेश गोड़ नाम का व्यक्ति घर में घुस आया और उसने नाबालिग लड़की के साथ जबरन दुष्कर्म किया। लड़की के चिल्लाने की आवाज सुनकर जब उसके माता-पिता और आस-पड़ोस के लोग मौके पर पहुंचे, तो आरोपी वहां से भाग निकला।

अगले दिन, 5 जून 2018 को, पीड़िता के पिता ने ओबरा थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बलात्कार और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। जांच के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।

अदालत में सात गवाहों के बयान दर्ज
मामले की सुनवाई के दौरान, अदालत ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनीं और सात गवाहों के बयान दर्ज किए। सभी सबूतों और गवाहियों का सूक्ष्म अवलोकन करने के बाद, न्यायालय ने महेश गोड़ को दोषी पाया और उसे कड़ी सजा सुनाई।

अर्थदंड की राशि में से 80 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे
न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि आरोपी द्वारा जेल में बिताई गई अवधि को उसकी सजा में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, अदालत ने पीड़िता के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए यह भी आदेश दिया है कि अर्थदंड की राशि में से 80 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे। यह राशि पीड़िता के पुनर्वास और भविष्य में उसकी मदद के लिए उपयोग की जा सकेगी।

इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने मजबूती से पैरवी की। उनके प्रयासों की बदौलत ही न्यायालय आरोपी को दोषी ठहराने में सफल रहा।

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