आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी पर बड़ी कार्रवाई : शत्रु संपत्ति पर जियो टैगिंग संयंत्र ने की डिजिटल मैपिंग

UPT | जौहर यूनिवर्सिटी

Dec 10, 2024 13:50

उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के प्रोजेक्ट मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी पर प्रशासन का एक्शन जारी है...

Rampur News : उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के प्रोजेक्ट, मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी पर प्रशासन का एक्शन जारी है। सोमवार, 9 दिसंबर को प्रशासन की टीम ने यूनिवर्सिटी में शत्रु संपत्ति पर कार्रवाई करते हुए जियो टैगिंग की प्रक्रिया की। यह कार्रवाई यूनिवर्सिटी में स्थित शत्रु संपत्ति की डिजिटल मैपिंग करने के लिए की गई थी। अधिकारियों ने जियो टैगिंग संयंत्र का उपयोग करते हुए शत्रु संपत्ति की सीमाओं का निर्धारण किया।

कई अधिकारी रहे मौजूद
इस कार्रवाई के दौरान प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद थे और जियो टैगिंग संयंत्र की मदद से यह प्रक्रिया पूरी की गई। इस संयंत्र का मुख्य उद्देश्य सेटेलाइट के माध्यम से जमीन की स्थिति का डिजिटल मानचित्र तैयार करना था। यह तकनीकी कदम प्रशासन को संपत्ति के सही आंकड़े और रिकॉर्ड एकत्रित करने में मदद करता है, जिससे भविष्य में विवादों का समाधान हो सके।



कितनी जमीन शत्रु संपत्ति का हिस्सा
बता दें कि आजम खान के इस प्रोजेक्ट की कुल 13.08 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति जौहर यूनिवर्सिटी में स्थित है। प्रशासन ने पहले ही इस संपत्ति का सीमांकन कर कब्जा लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली थी। अब जियो टैगिंग के जरिए इस संपत्ति की स्थिति को मान्यता दी जा रही है। इस प्रक्रिया के तहत नायब तहसीलदार की उपस्थिति में विभागीय अधिकारियों ने शत्रु संपत्ति की मैपिंग की।

शत्रु संपत्ति किससे संबंधित है
शत्रु संपत्ति का मामला भारतीय कानून में एक महत्वपूर्ण विषय है। शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत, जिन लोगों ने भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद पाकिस्तान की नागरिकता ग्रहण की, उनकी सम्पत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया। इस अधिनियम के तहत, केवल उन संपत्तियों को शत्रु संपत्ति माना गया जो पाकिस्तान के नागरिकों द्वारा भारत में छोड़ी गईं।

2012 में मिला विश्वविद्यालय का दर्जा
मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की स्थापना 2006 में हुई थी और यह एक प्राइवेट विश्वविद्यालय है जिसे यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन द्वारा मान्यता प्राप्त है। 2012 में यूपी सरकार ने इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिया था। आजम खान इस यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं और इसके बनने के बाद से ही यूनिवर्सिटी से जुड़े विभिन्न विवाद सामने आते रहे हैं।

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