एडमिरल रामदास : रेमन मैग्सेसे से सम्मानित पूर्व नेवी चीफ का निधन, कभी केजरीवाल संग मिलकर बनाई थी पार्टी

UPT | भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल (सेवानिवृत्त) लक्ष्मीनारायण रामदास

Mar 15, 2024 16:58

पूर्व नेवी चीफ ने 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में बड़ी भूमिका निभाई थी। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान नए बने पूर्वी बेड़े के हिस्से के रूप में आईएनएस ब्यास की कमान में रहते हुए...

Short Highlights
  • पूर्व नेवी चीफ लक्ष्मीनारायण रामदास पाकिस्तान-इंडिया पीपुल्स फोरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी से जुड़े हुए थे।
  • उनके प्रयासों के लिए उनको 2004 में उन्हें शांति के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 
National News : भारतीय नौसेना के पूर्व प्रमुख एडमिरल (सेवानिवृत्त) लक्ष्मीनारायण रामदास का निधन हो गया। इस बात की जानकारी रक्षा सूत्रों के माध्यम से मीडिया को दी गई। शुक्रवार को हैदराबाद के एक सैन्य अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। रामदास 90 वर्ष के थे। लक्ष्मीनारायण रामदास ने दिसंबर 1990 से सितंबर 1993 तक नौसेना प्रमुख के पद पर तैनात थे। वे लंबे समय से शारीरिक संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे। लक्ष्मीनारायण रामदास के परिवार में उनकी पत्नी ललिता रामदास और तीन बेटियां हैं।

रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से हुए थे सम्मानित 
पूर्व नेवी चीफ लक्ष्मीनारायण रामदास पाकिस्तान-इंडिया पीपुल्स फोरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी से जुड़े हुए थे। रामदास दक्षिण एशिया को विसैन्यीकरण करने और साथ ही परमाणु हथियारों पर रोक लगाने के उनके प्रयासों के लिए उनको 2004 में शांति के लिए रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

1971 में युद्ध में निभाई थी बड़ी भूमिका
पूर्व नेवी चीफ ने 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में बड़ी भूमिका निभाई थी। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान नए बने पूर्वी बेड़े के हिस्से के रूप में आईएनएस ब्यास की कमान में थे। तब एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास ने पूर्वी पाकिस्तान की सबसे प्रभावी नौसैनिक नाकाबंदी में भाग लिया। जिसके बाद पाकिस्तान के प्रयास को विफल कर दिया था। जिसमें 93,000 सैनिकों को पाकिस्तान निकालने की कोशिश कर रहा था। बाद में जिसने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।

आम आदमी पार्टी के थे संस्थापक सदस्‍य
 पूर्व नेवी चीफ अन्ना आंदोलन से भी जुड़े हुए थे। आंदोलन में उन्होंने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। साथ ही अरविन्द केजरीवाल ने जब पार्टी बनाई तो लक्ष्मीनारायण रामदास उसके संस्थापक सदस्‍य में से एक थे। आप संयोजक अरविन्द केजरीवाल से पूर्व नेवी चीफ की बहुत अच्छी दोस्ती थी। लेकिन 2015 के चुनाव के बाद से दोनों के रिश्तों के बीच खटास आ गई थी। कई संस्थापक सदस्‍य ने जब पार्टी छोड़ा था तो उसमें लक्ष्मीनारायण रामदास का भी नाम शामिल था। ऐसी भी बातें कही जाती है कि जब रामदास ने केजरीवाल को फोन किया था तो उन्होंने फोन नहीं उठाया था। जिसके बाद दोनों के रिश्तों में दरार आ गई थी।

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