दलबदलुओं के लिए मिला-जुला रहा 2024 का नतीजा : भाजपा इसमें भी रह गई पीछे, जानिए लिस्ट में किनके नाम

UPT | दलबदलुओं के लिए मिला-जुला रहा 2024 का नतीजा

Jun 08, 2024 23:33

उत्तर प्रदेश में इस बार कुल 12 प्रत्याशी ऐसे थे, जो चुनावी मैदान में पाला बदलकर उतरे थे। इसमें से 7 तो चुनाव जीत गए, लेकिन 5 मैदान में परास्त हो गए। दल बदलकर जीतने वाले 7 प्रत्याशियों में से 6 इंडी गठबंधन के हैं।

Short Highlights
  • भारतीय जनता पार्टी ने 33 सीटें जीती
  • 7 सीटों पर उतरे दलबदलू
  • 5 नहीं बचा पाए अपनी लाज
New Delhi : लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों का एलान हो चुका है। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने 33 सीटें जीती हैं, जबकि भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल सोनेलाल ने 1 सीट और राष्ट्रीय लोक दल ने 2 सीटें जीती हैं। वहीं समाजवादी पार्टी ने रिकॉर्ड 37 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस महज 6 सीट जीत सकी। यूपी में इस बार दूसरे दलों से आए प्रत्याशियों के लिए नतीजे मिले-जुले रहे। इस लिस्ट में भी भाजपा काफी पीछे रह गई।

दलबदलुओं का क्या रहा नतीजा?
उत्तर प्रदेश में इस बार कुल 12 प्रत्याशी ऐसे थे, जो चुनावी मैदान में पाला बदलकर उतरे थे। इसमें से 7 तो चुनाव जीत गए, लेकिन 5 मैदान में परास्त हो गए। दल बदलकर जीतने वाले 7 प्रत्याशियों में से 6 इंडी गठबंधन के हैं। भाजपा इसमें भी पीछे रह गई है। जो प्रत्याशी दल बदलने के बाद भी हार गए हैं, उसमें से 3 इंडी गठबंधन और 2 एनडीए के हैं।

इन सीटों पर जीते दलबदलू
जीतने वाल दलबदलूओं की लिस्ट में सबसे ऊपर नाम अफजाल अंसारी का आता है। वह 2019 में बसपा के टिकट पर उतरे थे, लेकिन इस बार वह सपा के टिकट पर मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। इलाहाबाद से उज्ज्वल रमण सिंह पहले सपा में थे, लेकिन 2024 चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली और जीत गए। रॉबर्ट्सगंज सीट से छोटेलाल पहले अपना दल में थे। लेकिन 2024 के चुनाव में अनुप्रिया पटेल ने टिकट रिंकी कोल को दे दिया। छोटेलाल सपा में चले गए और चुनाव जीत गए। 

एनडीए को मात्र एक सीट पर जीत
जौनपुर में बाबू लाल कुशवाहा की खुद की पार्टी थी, लेकिन चुनाव से पहले उसका सपा में विलय हो गया और सपा के टिकट पर कुशवाहा जीत भी गए। बस्ती का भी हाल कुछ ऐसा ही है। बसपा से सपा में आए राम प्रसाद चौधरी ने भाजपा प्रत्याशी को हरा दिया। श्रावस्ती के राम शिरोमणि वर्मा को बसपा ने निष्कासित कर दिया और वह सपा के टिकट पर उतरे और जीत भी गए। एनडीए की तरफ से एकमात्र प्रत्याशी दल बदलने के बाद भी जीता है। विनोद बिंद निषाद पार्टी के विधायक हैं, लेकिन वह भदोही से भाजपा के टिकट पर उतरे और जीत गए। हालांकि दोनों पार्टियां एनडीए का ही हिस्सा हैं।

ये नहीं बचा पाए अपनी लाज
हारने वालों की लिस्ट में अमरोहा के दानिश अली का नाम सबसे ऊपर है। वह बसपा में थे, लेकिन चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए और हार गए। भाजपा से सपा में शामिल हुए रमेश बिंद मिर्जापुर से उतरे, लेकिन वो भी नहीं जीत सके। कभी कांग्रेसी रहे ललितेश त्रिपाठी टीएमसी के टिकट पर भदोही से उतरे और वह भी हार गए। कभी कांग्रेस के नेता रहे कृपाशंकर सिंह भाजपा के टिकट पर जौनपुर से उतरे और नहीं जीत सके। संगल लाल गुप्ता अपना दल से भाजपा में आए ते और प्रतापगढ़ से मैदान में थे। वह भी नहीं जीत सके हैं।

Also Read