CJI ने साझा की हाईकोर्ट की यादगार यात्रा : कहा- इलाहाबाद ने मुझे हमेशा के लिए बदल दिया, जानिए नियुक्ति की कहानी

UPT | डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़

Nov 10, 2024 11:17

भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़ ने एक भावनात्मक और गहन विदाई भाषण में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने परिवर्तनकारी कार्यकाल के अनुभवों और सीखों को साझा...

New Delhi News : भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़ ने एक भावनात्मक और गहन विदाई भाषण में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने परिवर्तनकारी कार्यकाल के अनुभवों और सीखों को साझा किया। इस दौरान उन्होंने व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों स्तरों पर इस ऐतिहासिक संस्थान से जुड़ी अपनी यात्रा को याद करते हुए कई दिलचस्प और प्रेरणादायक किस्से साझा किए।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में नियुक्ति की कहानी
सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जाने के निर्णय के पीछे की अप्रत्याशित घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, “इलाहाबाद हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनने से पहले मुझे दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने की सूचना दी गई थी, लेकिन वह नियुक्ति कभी नहीं हुई। इसके बाद मुझे मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनने का प्रस्ताव मिला, लेकिन वह भी स्थगित हो गया। फिर एक दिन शाम को न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा का फोन आया जिन्होंने मुझे बताया कि मुझे इलाहाबाद हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जा रहा है।” यह खबर सुनकर उनका परिवार भी चकित रह गया था। सीजेआई चंद्रचूड़ ने बताया, “जब मैंने अपनी पत्नी को यह खबर दी तो वह कुछ देर तक चुप रहीं और हम चुपचाप खाना खा रहे थे। बाद में मैंने तत्कालीन भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर अपनी नियुक्ति स्वीकार करते हुए खुशी जाहिर की।” इस निर्णय ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी और वे मानते हैं कि इलाहाबाद में बिताए गए समय ने उन्हें गहरे व्यक्तिगत और पेशेवर बदलावों से गुजरने का अवसर दिया।

इलाहाबाद की सादगी और गर्मजोशी का प्रभाव
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बिताए गए समय के दौरान सीखी गई सादगी और कानूनी समुदाय की गर्मजोशी के बारे में भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, “इलाहाबाद की सादगी और वकीलों का गर्मजोशी से भरा व्यवहार मेरे लिए एक अमूल्य अनुभव था। यहां के लोगों ने मुझे हमेशा आदर और स्नेह दिया और मैंने उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में यात्रा की। जो मेरे लिए एक विनम्र अनुभव था।” इलाहाबाद हाईकोर्ट में उनके द्वारा निभाई गई प्रशासनिक जिम्मेदारियों का भी उन्होंने उल्लेख किया। 160 न्यायाधीशों वाली इस अदालत में वे अपनी भूमिका में हमेशा सावधानीपूर्वक थे। उन्होंने बताया, “जब मैंने तत्कालीन सीजेआई टीएस ठाकुर से इलाहाबाद हाईकोर्ट के 117 न्यायाधीशों का परिचय कराया तो वे यह देखकर हैरान रह गए कि मैं सभी न्यायाधीशों के नाम जानता था। मैंने हर एक न्यायाधीश की तस्वीरों का एक एल्बम तैयार किया था जिसे मैं हर सुबह देखता था।”

हड़तालों और चुनौतियों का सामना
सीजेआई चंद्रचूड़ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकीलों की हड़तालों के साथ निपटने की चुनौतियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “मैंने भी कई हड़तालें कीं और कभी-कभी सोचता था कि क्या ये हड़तालें मेरी वजह से हो रही हैं। हड़तालें आमतौर पर एक मुद्दे से शुरू होती थीं लेकिन बाद में और भी कई मुद्दों से जुड़ जाती थीं।” हालांकि इन हड़तालों और चुनौतियों के बावजूद न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने हमेशा संस्था के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प बनाए रखा। उनके नेतृत्व में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कई कठिनाइयों के बावजूद उच्चतम न्यायिक मानकों को बनाए रखा। इलाहाबाद में उनके कार्यकाल को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपनी यात्रा का एक अत्यंत परिवर्तनकारी अध्याय माना। उन्होंने कहा, “इलाहाबाद ने मुझे ऐसी अमूल्य सीख दी जिसने न केवल मेरी न्यायिक सोच को आकार दिया बल्कि जीवन के प्रति मेरे दृष्टिकोण को भी गहरे रूप से प्रभावित किया। वहां जो कुछ भी सीखा वह मेरे पूरे करियर में मेरे साथ रहा।”

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