जम्मू-कश्मीर में प्रवासी मजदूरों पर आतंकी हमला : दोनों यूपी के हैं, दो सप्ताह में चौथा अटैक

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Nov 01, 2024 21:55

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। बडगाम जिले में शुक्रवार को प्रवासी मजदूरों पर हुए हमले ने राज्य की सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा दिया है...

New Delhi : जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। बडगाम जिले में शुक्रवार को प्रवासी मजदूरों पर हुए हमले ने राज्य की सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा दिया है। स्थानीय पुलिस के बयान के अनुसार, संदिग्ध आतंकवादियों ने प्रवासी श्रमिकों पर फायरिंग की, जिससे दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि दोनों मजदूर यूपी के हैं। घायल मजदूरों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की गई और अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने उनकी स्थिति को अब स्थिर बताया है। यह हमला कश्मीर घाटी में पिछले दो सप्ताह में प्रवासी मजदूरों के खिलाफ चौथी घटना है, जिससे क्षेत्र में व्याप्त असुरक्षा और तनाव और अधिक बढ़ गया है।

24 अक्तूबर को किया था हमला
वहीं पुलवामा जिले के त्राल क्षेत्र में 24 अक्टूबर को आतंकवादियों नेउत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूर को निशाना बनाते हुए हमला किया। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से आए इस मजदूर को आतंकवादियों ने उसके हाथ में गोली मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हमला क्षेत्र में बढ़ते तनाव और असुरक्षा का एक और संकेत है। प्रवासी श्रमिकों के प्रति निरंतर किए जा रहे इन हमलों ने स्थानीय माहौल में भय और चिंता पैदा कर दी है।



20 अक्टूबर को किया सबसे घातक हमला
बता दें कि इससे पहले 20 अक्टूबर को घाटी में सबसे घातक हमला हुआ था। इस हमले में आतंकियों ने सात लोगों की हत्या कर दी। इनमें मरने वालों में एक स्थानीय डॉक्टर और बिहार के दो मजदूर शामिल थे। पुलिस जांच के अनुसार, इस हमले में शामिल दो आतंकियों में से एक की पहचान दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के निवासी के रूप में हुई है, जो 2023 में एक आतंकी संगठन से जुड़ा था। दूसरा आतंकी पाकिस्तान से आया माना जा रहा है। 

बिहार के मजदूर की हत्या
इससे पहले 18 अक्टूबर को बिहार के रहने वाले मजदूर अशोक कुमार चव्हाण की शोपियां जिले में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। गोलियों से छलनी उसकी लाश जैनपोरा के वाची इलाके से बरामद की गई थी। पुलिस ने बताया कि चव्हाण के शरीर पर चार गोलियों के निशान थे। गौरतलब है कि 16 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से घाटी में यह पहली टारगेट किलिंग थी।

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