RBI का खुलासा : 2,000 रुपये के नोट चलन से बाहर, 98 प्रतिशत से अधिक नोट बैंकों में जमा

UPT | 2,000 रुपये के नोट

Dec 03, 2024 11:51

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि 2,000 रुपये के 98.08% नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं। अब केवल 6,839 करोड़ रुपये के नोट ही चलन...

New Delhi News : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि 2,000 रुपये के 98.08% नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं। अब केवल 6,839 करोड़ रुपये के नोट ही चलन में बचे हैं। RBI ने 19 मई 2023 को 2,000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने की घोषणा की थी। तब कुल 3.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 रुपये के नोट प्रचलन में थे। जो अब घटकर केवल एक छोटा हिस्सा रह गया है।

2,000 रुपये के नोटों की वापसी की प्रक्रिया
RBI ने स्पष्ट किया कि 2,000 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे, लेकिन इनका उपयोग सामान्य लेन-देन में बहुत कम हो गया है। 7 अक्टूबर 2023 तक बैंकों में इन्हें जमा करने या बदलने की सुविधा दी गई थी। इसके बाद भी 19 आरबीआई निर्गम कार्यालयों में अब भी इन नोटों को जमा करने या बदलने की सुविधा उपलब्ध है।

RBI का बयान
RBI ने अपने बयान में कहा, "19 मई 2023 तक प्रचलन में मौजूद 2,000 रुपये के कुल नोटों का मूल्य 3.56 लाख करोड़ रुपये था। जो 29 नवंबर 2024 को घटकर 6,839 करोड़ रुपये रह गया। इस प्रकार 2,000 रुपये के 98.08% नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं।"

बदलने और जमा करने की प्रक्रिया
RBI के नौ अक्टूबर 2023 से जारी निर्देशों के अनुसार, 2,000 रुपये के नोट अब भी निम्नलिखित तरीकों से बदले या जमा किए जा सकते हैं।
  • देशभर के 19 प्रमुख शहरों में स्थित RBI के कार्यालयों में लोग और संस्थान अपने 2,000 रुपये के नोट जमा कर सकते हैं।
  • भारतीय डाक के जरिए भी लोग 2,000 रुपये के नोट RBI के निर्गम कार्यालयों में भेज सकते हैं, जो उनके बैंक खातों में जमा कर दिए जाएंगे।
देशभर में मौजूद 19 RBI निर्गम कार्यालय
नोट जमा करने या बदलने के लिए जिन 19 कार्यालयों में सुविधा दी गई है, वे निम्नलिखित शहरों में स्थित हैं- अहमदाबाद, बेंगलुरु, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना और तिरुवनंतपुरम।

2016 में हुआ था विमुद्रीकरण
गौरतलब है कि नवंबर 2016 में 1,000 और 500 रुपये के नोटों को चलन से हटाए जाने के बाद 2,000 रुपये के नोट जारी किए गए थे। इसका उद्देश्य तत्कालीन नकदी संकट को कम करना और बड़े मूल्य के लेन-देन को सुगम बनाना था। लेकिन धीरे-धीरे इन नोटों के उपयोग में कमी आई और सरकार ने इन्हें चलन से हटाने का फैसला किया।

आर्थिक विशेषज्ञों की राय
वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि 2,000 रुपये के नोटों की वापसी से काले धन पर रोक लगाने में मदद मिली है। इसके अलावा, डिजिटल लेन-देन और छोटे मूल्यवर्ग के नोटों के उपयोग को बढ़ावा मिला है।

Also Read