एनसीआर में लागू रहेंगी ग्रैप 4 की पाबंदियां : SC ने कहा-AQI स्तर में गिरावट पर मिलेगी ढील, यूपी समेत चार राज्यों के मुख्य सचिवों को किया तलब

UPT | प्रतिकात्मक तस्वीर

Dec 02, 2024 16:59

एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में लागू GRAP-IV पाबंदियों को 5 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है...

New Delhi News : एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई, जिसमें दिल्ली-एनसीआर में लागू GRAP-IV पाबंदियों को 5 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है। जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने यह कहा कि जब तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार नहीं होता, तब तक इन पाबंदियों में ढील नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि AQI में गिरावट के बाद ही GRAP-IV पाबंदियां हटाई जा सकती हैं।

इन राज्यों के मुख्य सचिवों को किया तलब
साथ ही, कोर्ट ने दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और यूपी के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया कि वे 5 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में मौजूद रहें। उन्हें यह बताने को कहा गया कि GRAP-IV पाबंदियों के तहत निर्माण गतिविधियों पर रोक लगने के बाद कितने कंस्ट्रक्शन मजदूरों को आर्थिक सहायता दी गई। इस दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि बंद कामों के कारण मजदूरों को आर्थ‍िक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए उन्हें मदद मिलनी चाहिए।



दिल्ली सरकार का बड़ा कदम
वहीं दिल्ली सरकार ने बताया कि उसने 90,000 कंस्ट्रक्शन मजदूरों को तत्काल 5,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। कुल 13 लाख मजदूरों में से बाकी का भुगतान अभी भी सत्यापन की प्रक्रिया में है। कोर्ट ने मामले में आगे की सुनवाई के लिए 5 दिसंबर तक सभी पक्षों से जानकारी मांगी है।

5 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 5 दिसंबर को GRAP-4 के प्रतिबंधों में संशोधन के विषय पर सभी संबंधित पक्षों की सुनवाई करने का निर्णय लिया है। कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सभी अधिकारियों को वायु प्रदूषण को कम करने के उपायों के बारे में बताने को कहा और इन उपायों को प्रभावी ढंग से लागू करने के प्रयास किए जाएं।

रिपोर्ट पर जताई चिंता
इसके साथ ही कोर्ट ने अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी को लेकर चिंता जताई है। कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्ट के आधार पर यह सामने आया कि दिल्ली नगर निगम (MCD), दिल्ली पुलिस, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और अन्य संबंधित एजेंसियों के बीच समन्वय की गंभीर कमी है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने CAQM से इन संस्थाओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की दिशा में कदम उठाने को कहा ताकि वायु प्रदूषण कम करने के उपायों को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके। इसके अलावा, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से यह सुनिश्चित करने को कहा कि बार के सदस्य, जो कोर्ट कमिश्नर के रूप में कार्यरत हैं, उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए।

वायु गुणवत्ता में हुआ सुधार
गौरतलब है कि दिल्ली और एनसीआर में मौसम में सुधार के साथ वायु गुणवत्ता में भी सुधार देखा जा रहा है। एक महीने से ज्यादा समय बाद दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 से नीचे गिरकर 273 तक पहुंच गया है। इस समय दिल्ली के किसी भी मोनिटरिंग स्टेशन पर हवा को गंभीर या बहुत खराब श्रेणी में नहीं रखा गया है। इसके अलावा, कोहरे में भी काफी राहत मिली है और सोमवार सुबह सूरज की धूप ने वातावरण को खुशनुमा बना दिया।

एनसीआर के अन्य शहरों में विभिन्नता
दिल्ली में न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि पालम में यह 11.9 डिग्री दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 27 डिग्री तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, स्विस एप आईक्यू एयर के अनुसार, दिल्ली का एक्यूआई 260 तक पहुंच गया है, जो खराब श्रेणी में आता है। एनसीआर के अन्य शहरों में भी प्रदूषण का स्तर कहीं माध्यम तो कहीं खराब श्रेणी में बना हुआ है।

 GRAP-IV के नियम

  • ट्रकों की दिल्ली में एंट्री पर प्रतिबंध जारी रहेगा, लेकिन जरूरी वस्तुओं और सेवाओं से संबंधित ट्रकों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
  • सभी CNG, इलेक्ट्रिक और BS-VI डीजल ट्रकों की दिल्ली में एंट्री की अनुमति होगी।
  • दिल्ली के बाहर से आने वाली गाड़ियों की एंट्री पर प्रतिबंध रहेगा, लेकिन जरूरी सामान और सेवाएं देने वाली गाड़ियों को इस नियम से बाहर रखा जाएगा।
  • BS-IV डीजल ट्रकों, विशेषकर मीडियम और हैवी गुड्स व्हीकल्स पर सख्त प्रतिबंध लागू किया जाएगा।
  • कंस्ट्रक्शन और डेवलपमेंट गतिविधियों पर रोक रहेगी, जिसमें राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, बिजली, पाइपलाइन, दूरसंचार जैसे प्रोजेक्ट्स भी शामिल होंगे।
  • राज्य सरकारें 6वीं से 9वीं और 11वीं कक्षा के लिए ऑनलाइन क्लासेस संचालित कर सकती हैं।
  • NCR राज्य सरकारें सार्वजनिक, निगम और निजी दफ्तरों में 50% क्षमता के साथ काम करने की अनुमति दे सकती हैं, और घर से काम करने की छूट प्रदान कर सकती हैं।
  • केंद्र सरकार अपने दफ्तरों में कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दे सकती है।
  • राज्य सरकारें इमरजेंसी के दौरान कॉलेजों और कॉमर्शियल एक्टिविटी को बंद कर सकती हैं और वाहनों के लिए ऑड-ईवन सिस्टम लागू कर सकती हैं।


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