संजय राउत का मोहन भागवत पर हमला : रामलला के नाम पर राजनीति बंद हो, तभी मिलेगी सही आजादी

UPT | मोहन भागवत

Jan 14, 2025 14:43

सांसद संजय राउत ने मोहन भागवत के बयान को गलत बताते हुए कहा कि असली स्वतंत्रता देश को तब मिलेगी। जब रामलला के नाम पर राजनीति बंद होगी। उनका यह बयान राजनीतिक हलकों में एक बड़ा...

New Delhi News : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को असली आजादी बताने वाले बयान पर अब राजनीति गरमा गई है। हिंदुत्व के नाम पर राजनीति करने वाली उद्धव सेना के नेताओं ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मोहन भागवत के बयान को गलत बताते हुए कहा कि असली स्वतंत्रता देश को तब मिलेगी। जब रामलला के नाम पर राजनीति बंद होगी। उनका यह बयान राजनीतिक हलकों में एक बड़ा मुद्दा बन गया है, क्योंकि आमतौर पर शिवसेना के नेता आरएसएस के खिलाफ बोलने से बचते रहे हैं।

संजय राउत का बयान
संजय राउत ने कहा, "आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत एक सम्माननीय व्यक्ति हैं, लेकिन वह संविधान के निर्माता नहीं हैं और न ही वह देश के कानूनों को बनाने या बदलने का अधिकार रखते हैं।" राउत ने मोहन भागवत के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा गर्व की बात है, लेकिन इसे असली स्वतंत्रता से जोड़ना गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान राम का हमारे दिलों में हमेशा स्थान रहा है और उनका सम्मान कभी कम नहीं होगा, लेकिन रामलला के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। संजय राउत ने यह भी जोड़ा, "रामलला के लिए हम पहले भी लड़ाई लड़े हैं और जरूरत पड़ी तो आगे भी लड़ेंगे, लेकिन रामलला के नाम पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। यही असली स्वतंत्रता होगी।" उन्होंने मोहन भागवत को सलाह दी कि वह रामलला के नाम पर राजनीतिक बयानबाजी न करें, क्योंकि इससे देश की स्वतंत्रता और समाज में भाईचारे का माहौल प्रभावित हो सकता है।


मोहन भागवत का बयान
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में एक कार्यक्रम में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को असली आजादी का प्रतीक बताया था। उन्होंने यह टिप्पणी हिंदुत्व और राम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को व्यक्त करते हुए की थी। उनके बयान में यह संदेश था कि रामलला की पूजा और प्रतिष्ठा हिंदू समाज के लिए आजादी और गर्व का प्रतीक है। इस पर उद्धव सेना और अन्य विपक्षी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। यह कहते हुए कि ऐसे बयान समाज में विभाजन और राजनीति को बढ़ावा देते हैं।

शिवसेना का विरोध
संजय राउत का यह बयान खास मायने रखता है क्योंकि शिवसेना के नेतृत्व में आमतौर पर आरएसएस और हिंदुत्व से जुड़े मुद्दों पर चुप्पी साधी जाती रही है। शिवसेना के लिए यह बयान एक बड़ा संदेश है कि वह हिंदुत्व के नाम पर राजनीति करने की बजाय समाजिक एकता और संविधान के महत्व पर जोर दे रही है। संजय राउत ने यह भी कहा कि रामलला के लिए संघर्ष और आंदोलन करना एक बात है, लेकिन उसका राजनीतिक फायदा उठाना दूसरी बात है।

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