कौशांबी कलेक्ट्रेट की बड़ी कार्रवाई : वक्फ बोर्ड से 96 बीघा जमीन ली गई वापस, शासन ने मांगा पूरा ब्योरा

UPT | Madhusudan Hulgi

Sep 23, 2024 15:08

इस कार्रवाई का असर पूरे उत्तर प्रदेश में देखने को मिल सकता है। एडीएम न्यायिक ने कोर्ट में वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध रूप से कब्जाई गई भूमि को मुक्त कराने की प्रक्रिया शुरू की है...

Short Highlights
  • कौशांबी कलेक्ट्रेट ने वक्फ बोर्ड की 96 बीघा जमीन वापस ली
  • शासन ने मांगा पूरा ब्योरा
  • तीन अन्य गांवों की जमीनों की हो रही जांच
Kausambi News : वक्फ बोर्ड की भूमि को लेकर देशभर में हलचल तेज हो गई है, जिसमें कौशाम्बी कलक्ट्रेट की कार्रवाई विशेष रूप से सुर्खियों में है। इस कार्रवाई का असर पूरे उत्तर प्रदेश में देखने को मिल सकता है। एडीएम न्यायिक ने कोर्ट में वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध रूप से कब्जाई गई भूमि को मुक्त कराने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसके तहत शासन ने छह बिंदुओं पर प्रस्ताव मांगे हैं। इस आधार पर अन्य जिलों में भी कार्रवाई करने की योजना बनाई जा रही है।

वक्फ बोर्ड से वापस ली गई जमीन
शासन की नजरें वक्फ बोर्ड की भूमि पर गहरी हैं, जहां आरोप है कि बेशकीमती जमीन पर अवैध कब्जे किए गए हैं। इसमें न केवल बंजर भूमि बल्कि ग्राम सभा की भूमि भी शामिल है। प्रशासन इस मुद्दे को लेकर गंभीरता से विचार कर रहा है और कार्रवाई की प्रक्रिया प्रारंभ करने की तैयारी की जा रही है। कौशाम्बी के कड़ा धाम में 96 बीघा भूमि का मामला 1950 से कोर्ट में लंबित था। यह प्रकरण हाल ही में तत्कालीन एडीएम न्यायिक डॉ. विश्राम की देखरेख में आगे बढ़ा। शासकीय अधिवक्ता शिवमूर्ति द्विवेदी ने मामले का गहराई से अध्ययन किया और इसके बाद आवश्यक कार्रवाई की। अंततः एक साल पहले वक्फ बोर्ड से यह भूमि वापस ले ली गई।



शासन ने मांगा ब्योरा
बता दें कि अब यह भूमि सरकारी रजिस्टर में दर्ज हो चुकी है, जिससे वक्फ बोर्ड की जमीन की देखभाल कर रहे लोग चिंतित हैं। हालांकि, उनके विरोध का कोई असर नहीं पड़ा। अब जब पूरे प्रदेश में कार्रवाई की जा रही है, तो पहले की कार्रवाई का ब्योरा भी मांगा गया है। शासकीय अधिवक्ता ने शासन को सुझाव भेजे हैं, जिन्हें स्वीकार कर लिया गया है, जिससे अधिकारियों का मनोबल बढ़ा है।

इन गांवों की जमीन की हो रही जांच
अब वक्फ बोर्ड की भूमि की जांच तीन ग्राम पंचायतों की जमीनों पर की जाएगी। कड़ा धाम की 96 बीघा भूमि सरकारी खाते में शामिल करने के बाद, अधिकारी अन्य गांवों की भूमि की पड़ताल कर रहे हैं। वक्फ बोर्ड को भूमि आवंटित करने के नियम स्पष्ट हैं, जिसमें अगर कोई भूमि नियमों के विरुद्ध गई है, तो जिला प्रशासन उसे वापस लेगा। सिराथू तहसील के रूपनारायणपुर, नारायणपुर बंगाली और त्रिलोकपुर गांव की जमीनों की जांच की जा रही है।

पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर की जाएगी कार्रवाई
इस मामले में हुई कार्रवाई को काफी सराहनीय माना जा रहा है। कोर्ट ने सभी तथ्यों और भौतिक सत्यापन के आधार पर निर्णय लिया है। जिलाधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने कहा है कि अन्य लंबित मामलों में भी जांच की जाएगी और अगर पर्याप्त साक्ष्य मिले तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, शासकीय अधिवक्ता शिवमुर्ति द्विवेदी ने कहा कि यह कार्रवाई निश्चित रूप से यूपी के अन्य जिलों के लिए एक उदाहरण बनेगी।

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