महाकुंभ 2025 : स्वच्छता को लेकर मेला प्रशासन की व्यापक तैयारी, 10 हजार सफाई कर्मचारी होंगे तैनात

UPT | महाकुंभ 2025

Oct 16, 2024 16:42

महाकुंभ 2025 को "स्वच्छ कुंभ" बनाने के लिए योगी सरकार और मेला प्रशासन ने बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी हैं।

Prayagraj News : प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ 2025 को "स्वच्छ कुंभ" बनाने के लिए योगी सरकार और मेला प्रशासन ने बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। सरकार की प्राथमिकता है कि इस महाआयोजन को स्वच्छ और व्यवस्थित रूप से संचालित किया जाए ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके तहत 10,000 से ज्यादा सफाई कर्मचारियों की तैनाती और व्यापक सफाई योजनाएं तैयार की गई हैं।



स्वच्छता के लिए व्यापक शौचालय व्यवस्था
महाकुंभ मेले में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए 1,45,000 से अधिक शौचालय और मूत्रालय बनाए जाएंगे। ये शौचालय सामुदायिक और शिविर क्षेत्रों में स्थापित किए जाएंगे ताकि मेले में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को स्वच्छता की कोई कमी महसूस न हो। 300 से अधिक सफाई गाड़ियों और जेट स्प्रे सफाई प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे इन शौचालयों की नियमित और सटीक सफाई हो सके। इसके साथ ही आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए क्यूआर कोड द्वारा इन शौचालयों की निगरानी की जाएगी ताकि किसी भी समस्या को तुरंत हल किया जा सके।

कचरा प्रबंधन: नई योजनाओं का क्रियान्वयन
कुंभ के दौरान कचरा प्रबंधन के लिए विशेष योजना तैयार की गई है। इसके तहत 120 टिपर-हॉपर और 40 कॉम्पेक्टर ट्रकों की तैनाती की जाएगी। जो मेले के अलग-अलग क्षेत्रों से कचरे को इकट्ठा करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में ट्रांसफर स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जहां कचरे का समुचित निपटान होगा। वाहनों की जीपीएस आधारित निगरानी की जाएगी ताकि सफाई प्रक्रिया समय पर और प्रभावी रूप से पूरी हो सके। इसके अलावा पूरे मेला क्षेत्र में 25,000 लाइनर बैग युक्त डस्टबिन लगाए जाएंगे। जिनके बैग दिन में तीन बार बदले जाएंगे।

सफाई कर्मचारियों की तैनाती और सुविधाएं
महाकुंभ 2025 के स्वच्छता अभियान में 10,200 सफाई कर्मचारियों (850 गैंग) की तैनाती की जाएगी। इन सफाई कर्मचारियों के लिए विशेष स्वच्छता कॉलोनियों का निर्माण किया जा रहा है, जहां वे आराम से रह सकें। कर्मचारियों की दैनिक मजदूरी सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी ताकि किसी भी वित्तीय गड़बड़ी से बचा जा सके और उन्हें समय पर उनके श्रम का उचित भुगतान मिल सके।

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