योगी सरकार की पहल : स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा के साथ महाकुंभ का होगा आयोजन, तैयारियां जोरों पर

UPT | स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा के साथ महाकुंभ का होगा आयोजन

Nov 13, 2024 20:09

महाकुंभ मेले के आयोजन के साथ जुड़ी स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की पहल ने इस ऐतिहासिक आयोजन को एक नई दिशा दी है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ मेले...

Prayagraj News : महाकुंभ मेले के आयोजन के साथ जुड़ी स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की पहल ने इस ऐतिहासिक आयोजन को एक नई दिशा दी है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ मेले को न केवल धार्मिक बल्कि एक पर्यावरणीय मॉडल के रूप में पेश करने का संकल्प लिया है। इस साल महाकुंभ के आयोजन में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने, कचरा बाय बैक अभियान और कचरे से ऊर्जा उत्पादन जैसी पहल की जा रही हैं, जो इसे स्वच्छ और पर्यावरण-friendly बनाने के उद्देश्य से लागू की गई हैं।

सिंगल यूज प्लास्टिक पर होगा प्रतिबंध
महाकुंभ मेले में इस बार सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान को तेज़ी से चलाया जा रहा है। मेले में प्लास्टिक बैग, बर्तन, बोतलें, और अन्य एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक उत्पादों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके स्थान पर बायोडिग्रेडेबल और इको-फ्रेंडली विकल्पों को बढ़ावा दिया जा रहा है। विशेष रूप से दोना-पत्तल, कुल्हड़, और जूट के बैग जैसे पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित उत्पादों को प्रमुखता से इस्तेमाल करने की अपील की जा रही है।

टेंडर प्रक्रिया शुरू
प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने इन उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही दुकानदारों के लिए स्टॉल आवंटित किए जाएंगे। जिनमें ये पर्यावरण-friendly विकल्प उपलब्ध होंगे। इसके अतिरिक्त मेला क्षेत्र में नो प्लास्टिक जोन और प्लास्टिक-फ्री बोर्डिंग जैसे संकेतकों को भी प्रदर्शित किया जाएगा। इस दिशा में जनसहभागिता को बढ़ावा देने के लिए वालंटियर इनीशिएटिव और कम्युनिटी इंगेजमेंट जैसे कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के तहत श्रद्धालुओं को प्लास्टिक से बचने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।



कचरा बाय बैक प्रोग्राम
महाकुंभ मेले में प्लास्टिक बाय बैक प्रोग्राम को भी बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत मेले में आए श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि वे अपने द्वारा इस्तेमाल किए गए प्लास्टिक उत्पादों को वापस लाकर पुनर्चक्रण के लिए दे सकते हैं। इसके बदले उन्हें इनाम भी दिया जा रहा है, जो एक प्रोत्साहन के रूप में कार्य करता है। प्रयागराज नगर निगम इस पहल को पूरी तत्परता से लागू कर रहा है, ताकि कचरे की समस्या को कम किया जा सके और अधिक से अधिक लोग इस पहल में भाग लें। इस कार्यक्रम के द्वारा न केवल स्वच्छता बढ़ रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में जनसहभागिता को भी प्रोत्साहन मिल रहा है।

कचरे से ऊर्जा उत्पादन
महाकुंभ के दौरान प्रदूषण को नियंत्रित करने और कचरे का सही तरीके से निपटान करने के लिए कचरे से ऊर्जा उत्पादन की पहल शुरू की गई है। मेला क्षेत्र में बायोडाइजेस्टर्स और कंपोस्टिंग यूनिट्स लगाए गए हैं, जो खाद्य और जैविक कचरे को संसाधित कर शक्ति उत्पादन करते हैं। इस पहल के माध्यम से न केवल कचरे का निस्तारण हो रहा है, बल्कि इस प्रक्रिया से उत्पन्न ऊर्जा का उपयोग भी अन्य कार्यों में किया जा रहा है, जिससे कचरे का पुनः उपयोग और ऊर्जा का संरक्षण संभव हो रहा है।

स्वच्छता निगरानी और कचरा ट्रैकिंग ऐप
स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए मेला क्षेत्र में कचरा ट्रैकिंग एप भी लॉन्च किया गया है। इस एप के माध्यम से कचरे के निस्तारण, उसकी निगरानी और प्रबंधन पर लगातार नज़र रखी जाती है। इस एप की मदद से अधिकारी और स्वयंसेवक यह सुनिश्चित कर पा रहे हैं कि कचरा व्यवस्थित रूप से एकत्र किया जा रहा है और उसका निपटान समय पर किया जा रहा है। स्वच्छता निगरानी के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी और स्वयंसेवक भी तैनात किए गए हैं, जो कचरे को बीनने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं। इन कर्मचारियों की मदद से मेला क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखना एक सुनियोजित प्रयास के रूप में काम कर रहा है।

शासन की निगरानी और प्रेरणास्त्रोत जनभागीदारी
इस विशाल आयोजन के दौरान स्वच्छता की निगरानी की जिम्मेदारी न केवल सरकारी मशीनरी पर है, बल्कि जनसहभागिता के माध्यम से भी इस प्रक्रिया को मज़बूत किया जा रहा है। अधिकारियों द्वारा जारी की गई दिशानिर्देशों और अभियान के माध्यम से आम जनता को भी इसमें सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है। मेला प्राधिकरण और प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि 45 दिन तक चलने वाले इस महाकुंभ के दौरान 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने के बावजूद स्वच्छता की गुणवत्ता बनी रहे।

एक नई मिसाल महाकुंभ का स्वच्छ मॉडल
योगी सरकार का यह प्रयास महाकुंभ को न केवल एक धार्मिक आयोजन के रूप में, बल्कि एक स्वच्छता और पर्यावरणीय उदाहरण के रूप में स्थापित करेगा। इस पहल के माध्यम से प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का आदर्श प्रस्तुत करे।

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