प्रयागराज महाकुंभ-2024 : भीड़ भी नहीं बनेगी 'आस्था की डुबकी' लगाने में रुकावट, सुगमता से संगम तक पहुंच सकेंगे श्रद्धालु

UPT | Mahakumbh Mela

Oct 24, 2024 19:57

श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते निर्धारित किए गए हैं और सुरक्षा के दृष्टिकोण से मोबिलिटी की व्यवस्था भी की गई है। रास्तों पर जाम की स्थिति न उत्पन्न हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं...

Short Highlights
  • श्रद्धालुओं की मोबिलिटी को किया जाएगा सुनिश्चित
  • आने और जाने के होंगे अलग-अलग रास्ते
  •  पूरे प्रयागराज में लागू होगी विशेष ट्रैफिक स्कीम  
Prayagraj News : दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ 2025 को सभी के लिए सुगम बनाने के लिए योगी सरकार सक्रियता से काम कर रही है। इस महापर्व के दौरान अनुमानित 40 करोड़ लोग प्रयागराज आएंगे, जिसके लिए मेला और जिला प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन की तैयारियां की हैं। खासकर प्रमुख स्नान के दिनों में किसी भी अव्यवस्था से बचने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने के लिए अलग-अलग रास्ते निर्धारित किए गए हैं और सुरक्षा के दृष्टिकोण से मोबिलिटी की व्यवस्था भी की गई है। रास्तों पर जाम की स्थिति न उत्पन्न हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। योजना के अनुसार, पीक डेज में श्रद्धालुओं को एक से 5 किमी. और सामान्य दिनों में एक किमी. से अधिक पैदल चलने की आवश्यकता नहीं होगी।

आवाजाही के रास्ते होंगे अलग-अलग
प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बताया कि इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में सिर्फ प्रदेश और देश से ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से श्रद्धालुओं का बड़ा जत्था प्रयागराज पहुंचने वाला है। ऐसे में क्राउड मैनेजमेंट को लेकर एक कार्ययोजना बनाई गई है, जिसके अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के दौरान सर्वाधिक श्रृद्धालु सड़क मार्ग से प्रयागराज पहुंचेंगे। प्रशासन की ओर से सभी शहर के दिशाओं में पार्किंग की व्यवस्था की गई है, जहां वाहन खड़ा कर श्रद्धालु आगे का रास्ता तय करेंगे। मेला क्षेत्र में आने और जाने के अलग-अलग रास्ते निर्धारित किए हैं। आस्था की डुबकी लगाने वाले जिस रास्ते से जाएंगे, उस रास्ते से वापस नहीं लौटेंगे। उन्हें दूसरे रास्ते से होकर जाना होगा, ताकि कहीं भी श्रद्धालु आमने-सामने नहीं आ सकेंगे।  


 
जाम की स्थिति से मिलेगी निजात
मंडलायुक्त ने बताया कि ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि श्रद्धालु कहीं एक साथ रुकें नहीं, वो चलते रहें। इससे कहीं भी जाम की स्थिति नहीं बनने दी जाएगी। हमारा उद्देश्य है कि मेला क्षेत्र के साथ-साथ शहर में भी श्रद्धालुओं की मोबिलिटी को बरकरार रखा जाए ताकि स्नान और दर्शन आदि करने के बाद वो सीधे पार्किंग स्थल पहुंचें और अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करें। इसी तरह, रेलवे से भी रिक्वेस्ट की गई है कि वो समय पर और अधिक स्पेशल ट्रेनें संचालित करें, ताकि श्रद्धालु अपना समय गंवाए बिना यात्रा को बरकरार रखे। रेलवे की ओर से पॉजिटिव रिस्पॉन्स भी मिला है और उन्होंने कई अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें संचालित करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि यदि श्रद्धालु कुछ देर विश्राम करना चाहेंगे तो उनके लिए कुछ होल्डिंग एरियाज भी चिह्नित किए गए हैं। 

राजसी स्नान के दिनों में विशेष ट्रैफिक स्कीम 
महाकुंभ की शुरुआत के साथ ही प्रयागराज में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो जाएगा। प्रमुख स्नान के दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या कई करोड़ तक होगी। ऐसा अनुमान है कि मौनी अमावस्या को सर्वाधिक 4 से 5 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगमनगरी आ सकते हैं। इसकी भी तैयारी की गई है। विजय विश्वास पंत ने बताया कि पीक डेज में आने वाले श्रद्धालुओं को एक से 5 किमी. और सामान्य दिनों में एक किमी. से ज्यादा नहीं चलना पड़ेगा। मौनी अमावस्या सबसे डेंसिटी वाला दिन होने की संभावना है। इसमें भी सुबह 3 बजे से दोपहर 12 बजे का समय बहुत क्रिटिकल होगा, जब श्रद्धालु संगम का रुख करेंगे। वहीं 12 बजे के बाद उनका लौटना शुरू हो जाएगा। हमारी कोशिश उन्हें सुगमता से संगम क्षेत्र तक पहुंचाने और फिर पार्किंग स्थल तक वापस आने की सुविधा प्रदान करने की है। संगम में पवित्र डुबकी लगाने के बाद उन्हें तुरंत वापस भेजने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि जाम की स्थिति न बने। उन्हें पार्किंग स्थल तक पहुंचाने के बाद गंतव्य की ओर रवाना किया जाएगा। हमारी विभिन्न ट्रैफिक स्कीम तैयार है, जिससे न ही श्रद्धालुओं को अव्यवस्था का सामना करना पड़ेगा और न ही मेला और शहर क्षेत्र में ट्रैफिक पैनिक की स्थिति होगी। 

बायो फ्रेंडली थैलियों का होगा इस्तेमाल
मंडलायुक्त ने कहा, हमारा प्रयास है कि पूरे मेला क्षेत्र में किसी भी तरह की प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाएगा। इनके रिप्लेसमेंट ऑप्शन पर विचार किया जा रहा है। खासतौर पर इंदौर की बायो फ्रेंडली थैलियों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसको लेकर हम व्यापारियों से भी बातचीत करने वाले हैं। साथ ही लोगों और अधिकारियों को प्लास्टिक की बजाए विभिन्न प्रकार के झोलों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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