बृजेश पाठक तक पहुंचा पेट में टॉवल छोड़ने का मामले : स्वास्थ्य मंत्री ने रिपोर्ट भेजने के दिए आदेश, सीएमओ ने चार सदस्यीय टीम बनाई

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Dec 15, 2024 17:30

सहारनपुर के जिला महिला अस्पताल में एक महिला के पेट में सर्जरी के दौरान टॉवल छोड़ने के मामले में सीएमओ ने चार डॉक्टरों की एक टीम बनाई है...

Saharanpur News : सहारनपुर के जिला महिला अस्पताल में एक महिला के पेट में सर्जरी के दौरान टॉवल छोड़ने के मामले में सीएमओ ने चार डॉक्टरों की एक टीम बनाई है, जो पूरे मामले की जांच करेगी। यह टीम एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। अगर जांच में दोषी पाए गए डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, शासन ने भी मामले का संज्ञान लिया है, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

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रिपोर्ट तैयार कर भेजने के निर्देश
सरकारी अस्पताल में इस प्रकार की लापरवाही पर शासन ने सख्ती दिखाते हुए सीएमओ से जांच कर रिपोर्ट मांगी है। स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने सीएमओ डॉ. प्रवीण कुमार को पूरी घटना की रिपोर्ट तैयार कर भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद सीएमओ ने एक चार सदस्यीय टीम बनाई है, जिसमें एसीएमओ डॉ. राकेश चंद्रा, महिला डॉक्टर, रेडियोलॉजिस्ट और सर्जन शामिल हैं। टीम से रिपोर्ट जल्द मांगी गई है।



डॉक्टर ने महिला के पेट में छोड़ा टॉवल
सहारनपुर के सढौली पिलखनी के रहने वाले सूरज की पत्नी करिश्मा प्रेग्नेंट थीं। 25 नवंबर को उसे पेट में दर्द हुआ, जिसके बाद ससुराल वाले उसे जिला महिला अस्पताल लेकर पहुंचे। करिश्मा ने सर्जरी के बाद एक बेटी को जन्म दिया, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के कारण प्रसूता के पेट में टॉवल छोड़ दिया गया। कुछ दिनों तक स्थिति सामान्य रही, लेकिन पिछले दो दिनों से करिश्मा को तेज दर्द होने लगा।

इंजेक्शन लगाते ही फूल गया पेट
पीड़िता ने बताया कि जब वह अपने ससुराल वालों के साथ महिला अस्पताल पहुंची, तो पेट में दर्द की शिकायत की। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे एक इंजेक्शन लगा दिया। महिला ने कहा कि इंजेक्शन लगते ही उसका पेट फूलने लगा और दर्द भी बढ़ गया। इसके बाद, डॉक्टरों ने बिना किसी जानकारी के प्रसूता को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। महिला का कहना है कि उन्हें इस स्थिति की सही वजह और इलाज के बारे में कुछ नहीं बताया गया, जिससे उसकी परेशानी और बढ़ गई।

पेट में टॉवल होने के कारण आंत फटी
महिला के पेट में टॉवल होने के कारण उसकी आंत फट गई थी, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई। लेकिन, उसकी गरीबी के कारण उसके पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे और अस्पताल ने उसे बंधक बना लिया था। हालांकि, CMO डॉ. प्रवीण कुमार के हस्तक्षेप के बाद महिला को चंडीगढ़ के एक हाईयर सेंटर भेजा गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। डॉ. प्रवीण कुमार ने कहा कि पूरे मामले को संज्ञान में लिया गया है और जिला महिला अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों द्वारा बरती गई लापरवाही की जांच कराई जाएगी। साथ ही, यह भी पता किया जाएगा कि ऑपरेशन किस डॉक्टर ने किया था और जांच के बाद दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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