फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ : जनसेवा केंद्र संचालक समेत तीन गिरफ्तार, मास्टरमाइंड की तलाश जारी

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Dec 26, 2024 16:24

फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने के इस खेल का खुलासा एक मीडिया रिपोर्ट के जारिए हुआ। खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आए। बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी रामसेवक...

Shamli News : एसओजी और साइबर क्राइम थाना पुलिस ने फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों में एक जनसेवा केंद्र संचालक और दो एजेंट शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक शामली जिले के ओदरी गांव का निवासी है, जबकि दो उत्तराखंड के ऋषिकेश के रहने वाले हैं। हालांकि गिरोह का मास्टरमाइंड अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

ऐसे हुआ खुलासा 
फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने के इस खेल का खुलासा एक मीडिया रिपोर्ट के जारिए हुआ। खबर प्रकाशित होने के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आए। बुधवार को पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी रामसेवक गौतम ने बताया कि इस मामले में 19 फरवरी को एसीएमओ डॉ. अतहर जमील की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पुलिस पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह काफी समय से फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने के धंधे में शामिल है। गिरोह कई गरीब और जरूरतमंद लोगों को गुमराह कर उनसे पैसे ऐंठता था। 



राकेश पांडे गिरोह का मुख्य सदस्य
गिरोह में राकेश पांडे का मुख्य भूमिका थी जो ऋषिकेश में जनसेवा केंद्र का संचालन करता था। वहीं मुबीन और अतुल चौहान आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए जरूरतमंद लोगों की तलाश करते थे। प्रत्येक फर्जी कार्ड बनाने के बदले यह गिरोह 1500 से 2000 रुपये वसूलता था।

पुलिस की टीमें गठित
आरोपियों को पकड़ने के लिए साइबर क्राइम थाना पुलिस के साथ एसओजी, सर्विलांस और साइबर सेल की टीमें बनाई गईं। संयुक्त कार्रवाई में पुलिस ने तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें मुबीन (निवासी ओदरी गांव, शामली), अतुल चौहान (निवासी आवास कॉलोनी, ऋषिकेश; मूल निवासी नूरपुर हट्टी, थाना नगीना, बिजनौर) और राकेश पांडे (निवासी कैनाल रोड, ऋषिकेश) शामिल हैं। पुलिस अब गिरोह के मास्टरमाइंड और अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

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