अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में शहर के ददरी घाट में श्री चित्रगुप्त मंदिर के प्रांगण में 51 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ व व्यसन मुक्ति दीप महायज्ञ का आयोजन हो रहा है।
Jan 05, 2025 19:40
अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में शहर के ददरी घाट में श्री चित्रगुप्त मंदिर के प्रांगण में 51 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ व व्यसन मुक्ति दीप महायज्ञ का आयोजन हो रहा है।
Ghazipur News : अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में शहर के ददरी घाट में श्री चित्रगुप्त मंदिर के प्रांगण में 51 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ व व्यसन मुक्ति दीप महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। इस क्रम में आज प्रथम दिवस सैकड़ों महिलाओं ने सिर पर कलश रखकर नगर में कलश यात्रा निकाली। गायत्री महायज्ञ के यज्ञ स्थल श्री चित्रगुप्त मंदिर प्रांगण ददरी घाट पर प्रातः 8:00 बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी। कलश यात्रा में शामिल होने के लिए दूर-दराज से महिलाएं, पुरुष व छात्र-छात्राओं ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे यज्ञाचार्य ने विधि विधान से वैदिक मंत्रोंचार के बीच कलश देवता का पूजन व आवाहन किया। तत्पश्चात षट्कर्म की क्रिया पूरा करने के बाद यज्ञ स्थल से श्रद्धालुओं को जल भरन व नगर भ्रमण के लिए रवाना किया गया। कलश यात्रा में शामिल पीतवस्त्र धारी माताओं- बहनों ने सिर पर कलश रखकर गायत्री माता का जय जयकार करते हुए गगन भेदी नारों से पूरे नगर को भक्तिमय बना दिया। गायत्री परिवार के इस अनुपम शोभायात्रा और कलश यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने आम जनमानस में धार्मिक भावना को जागृत करने व व्यसन मुक्ति के लिए गायत्री परिवार द्वारा निर्मित नारों का उद्घोष कर रहे थे।
'हम बदलेंगे-युग बदलेगा'
जिसमें 'हम सुधरेंगे-युग सुधरेगा', 'हम बदलेंगे-युग बदलेगा', 'जाग गई भाई जाग गई-नारी शक्ति जाग गई' , 'बीड़ी पीकर खास रहा है- मौत के आगे नाच रहा है', 'पीटती पत्नी बिकते जेवर- बदल शराबी अपने तेवर' से शहर की गलियां गूंजायमान रही। इस दौरान महिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए सिर पर कलश रखकर यज्ञ स्थल श्री चित्रगुप्त मंदिर से आम घाट, मिश्र बाजार, लाल दरवाजा होते हुए झुन्नु लाल चौराहे के रास्ते कलेक्टर घाट पहुंची। जहां पर जल भरन का कार्य संपन्न किया गया। तत्पश्चात वहां से कलश यात्रा यज्ञ स्थल पहुंची। कलश यात्रा व शोभा यात्रा का नगर वासियों ने जगह-जगह पर पुष्प वर्षा कर स्वागत कर रहे थे। शोभा यात्रा के यज्ञ स्थल पहुंचने पर गायत्री परिवार के वरिष्ठ परिजनों व शांतिकुंज प्रतिनिधियों ने पुष्प वर्षा कर कलश यात्रा का स्वागत किया।
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कलश में तैंतीस कोटि के देवताओं का होता है वास
इस मौके पर गायत्री परिवार के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि वह मनुष्य बड़ा सौभाग्यशाली होता है जिसको सिर पर कलश रखने का सौभाग्य प्राप्त होता है। क्योंकि कलश में तैंतीस कोटि के देवताओं का वास होता है। सनातन धर्म को विश्व के सभी धर्म में श्रेष्ठ इसीलिए भी माना गया है क्योंकि सनातन धर्म भारत की एक शाश्वत परिकल्पना है। जिसमें वसुधैव कुटुंबकम की बात की जाती है। आगे श्री सिंह ने कहा कि वह मनुष्य भी बहुत बड़ा सौभाग्यशाली होता है जो किसी समर्थ गुरु का शिष्य बने का सौभाग्य प्राप्त करता है। और आज अखिल विश्व गायत्री परिवार 130 वर्षों से भारत सहित कई अन्य देशों में वैज्ञानिक अध्यात्मवाद को लेकर आम जनमानस के मन मस्तिष्क से दुष्प्रवृत्तियों का नाश कर सद्दप्रवृत्तियों का विकास कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि हर मनुष्य अपना-अपना आत्मनिर्माण करें तो यह पृथ्वी स्वर्ग बन सकती है। फिर मनुष्यों को स्वर्ग जाने की इच्छा करने की नहीं वरन् देवताओं को पृथ्वी पर आने की आवश्यकता अनुभव होगी। गायत्री परिवार इस कार्य में पल-पल लगा हुआ है। कलश यात्रा के समापन के बाद सबको भोजन प्रसाद देकर विदाई की गई। तथा मुख्य प्रबंध ट्रस्टी सुरेंद्र सिंह ने नगर वासियों और जनपद वासियों को 51 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ व व्यसन मुक्ति दीप महायज्ञ में आने के लिए आमंत्रण दिया। कहा कि यह विशिष्ट यज्ञ जो 5 जनवरी 2025 से 8 जनवरी 2025 तक ददरी घाट के श्री चित्रगुप्त मंदिर प्रांगण में आयोजित है, इसमें हर व्यक्ति चाहे वह किसी जाति से हो, संप्रदाय से हो वह भाग ले सकता है। क्योंकि इस कार्यक्रम में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं है।
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यज्ञ में सभी संस्कार निशुल्क कराए जाएंगे
यह कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्र की कुंडलिनी युवा शक्ति को जागृत करना और उन्हें जीवंत करके आत्मनिर्माण से राष्ट्र निर्माण में लगाना है। आगे उन्होंने कहा कि इस यज्ञ में अंधविश्वास मूढ़ मान्यताओं से रहित तर्क, तथ्य एवं प्रमाण पर आधारित यथार्थ की प्रस्तुतीकरण है। इस कार्यक्रम में सभी जाति संप्रदाय के लोग समान रूप से भाग लेने के अधिकारी होंगे। यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से मानवतावाद पर आधारित होगा। यज्ञ में सभी संस्कार निशुल्क कराए जाएंगे। अतः उन्होंने जनपद वासियों से निवेदन किया कि 5 जनवरी से 8 जनवरी 2025 तक चलने वाले इस यज्ञ में सपरिवार भाग लेकर पुण्य का भागी बने व अपने सुख समृद्धि का कारण बने।
इन लोगों का रहा योगदान
कार्यक्रम को सफल बनाने में त्रिलोकी नाथ पांडे, राज नारायण पांडे, माधुरी सिंह, क्षितिज श्रीवास्तव, पवन जी, श्याम जी, रविंद्र शास्त्री, लवहर यादव, उमेश यादव, रोली सिंह, ममता सिंह, माधुरी सिंह, दीनानाथ शर्मा, संजय पांडे, शिवम राय, आनंद सिंह का विशेष योगदान है।