Dec 25, 2024 19:35
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आधुनिक युग में ई-बैंकिंग अत्यंत आवश्यक हो गई है। इसी दिशा में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गाजीपुर में जिला सहकारी बैंक की एटीएम सेवा शुरू की। उन्होंने सहकारी बैंकों और किसानों के वित्तीय सशक्तिकरण पर जोर दिया, जिससे कृषि क्षेत्र में सुधार होगा।
Ghazipur News : आधुनिक जमाने में ई-बैंकिंग की सुविधा अत्यंत आवश्यक हो गई है। सहकारी बैंकों को भी इस दिशा में तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गाजीपुर के जिला पंचायत सभागार में जिला सहकारी बैंक की एटीएम सेवा का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने सहकारी बैंकों की भूमिका, देश की अर्थव्यवस्था, और कृषि क्षेत्र में सहकारिता की महत्ता पर विस्तृत चर्चा की।
ई-बैंकिंग की आवश्यकता पर जोर
मनोज सिन्हा ने कहा कि नेट बैंकिंग और ई-बैंकिंग जैसी सुविधाओं को जल्द से जल्द लागू करना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि इससे सहकारी बैंकों और किसानों के बीच का वित्तीय अंतर खत्म होगा। किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार सस्ते दरों पर कर्ज उपलब्ध कराना संभव होगा, जिससे कृषि क्षेत्र में सुधार आएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक घाटे में रहने के प्रमुख कारणों को समाप्त करना अत्यंत आवश्यक है। जितना अधिक बैंक लाभ अर्जित करेगा, उतना ही वह किसानों को वित्तीय सहायता और सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करने में योगदान देगा।
सहकारिता की अहमियत पर चर्चा
मनोज सिन्हा ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण भारत को जिस गति से विकास करना चाहिए था, वह कुछ वर्षों तक अवरुद्ध रहा। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में पूर्वी उत्तर प्रदेश और गाजीपुर के सहकारी बैंकों को सीमित धनराशि प्राप्त होती थी। अब स्थिति में सुधार हो रहा है और सहकारी बैंक घाटे से उबरकर लाभ अर्जित करने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना को एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि इस मंत्रालय के माध्यम से डेढ़ लाख से अधिक नई समितियों का गठन किया गया है। सहकारिता क्षेत्र को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
भारत की अर्थव्यवस्था और सहकारिता की भूमिका
मनोज सिन्हा ने कहा कि 11वीं शताब्दी में भारत का वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान 33% था, जो 15वीं शताब्दी में घटकर 25% रह गया। विदेशी आक्रमणों और विभाजनकारी शक्तियों ने देश को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया। 1947 में आजादी के समय भारत का जीडीपी योगदान मात्र 4% रह गया था, हालांकि 2014 के बाद से स्थिति में बड़ा बदलाव आया है। 2023 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सर्वेक्षण के अनुसार, भारत का वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान 15% तक पहुंच चुका है। उन्होंने इस प्रगति को प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों और देशवासियों की मेहनत का परिणाम बताया।
एटीएम सेवा का लोकार्पण
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अन्य अतिथियों के साथ मिलकर जिला सहकारी बैंक की एटीएम सेवा का अनावरण किया। इस अवसर पर बैंक अध्यक्ष सरोजेश सिंह ने मुख्य अतिथि का पुष्पगुच्छ, स्मृति चिन्ह, और अंगवस्त्र देकर स्वागत किया। राज्यसभा सांसद डॉ. संगीता बलवंत, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, पूर्व विधायक विरेंद्र सिंह, और अन्य गणमान्य अतिथियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। संचालन प्रवीण कुमार सिंह ने किया।
कृषि और सहकारी बैंक का भविष्य
मनोज सिन्हा ने कहा कि सहकारी बैंकों को किसानों के लिए इनपुट क्रेडिट और सस्ती दरों पर कर्ज उपलब्ध कराना होगा। जब तक यह व्यवस्था मजबूत नहीं होगी, तब तक देश की कृषि स्थिति में सुधार नहीं होगा। उन्होंने बैंक अध्यक्ष और निदेशक मंडल की सराहना करते हुए कहा कि उनके अथक प्रयासों से सहकारी बैंक लाभ अर्जित कर रहा है। इससे किसानों और सहकारी समितियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में मदद मिलेगी।
इस मौके पर जिला सहकारी बैंक के उप सभापति अच्छेलाल गुप्ता, बैंक के सचिव और मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री कैलाश चंद, सहायक आयुक्त अंसल कुमार, और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़ी कई प्रमुख हस्तियों, जैसे भानु प्रताप सिंह, विजय शंकर राय, और डा. शोभनाथ यादव, ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
समाप्ति और भविष्य की योजनाएं
कार्यक्रम के अंत में मनोज सिन्हा ने सहकारी बैंक और सहकारिता क्षेत्र की विकास योजनाओं को तेजी से लागू करने की बात कही। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद किया और किसानों के लिए नई योजनाओं को जल्द से जल्द धरातल पर लाने का आह्वान किया।
इस आयोजन ने सहकारी बैंकिंग के क्षेत्र में एक नई शुरुआत की नींव रखी, जिससे न केवल गाजीपुर, बल्कि पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों को लाभ होगा।
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