जौनपुर में आप कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन : कलेक्ट्रेट पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन, गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग

UPT | आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन ।

Dec 25, 2024 15:54

जौनपुर जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में बुधवार की दोपहर आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

Jaunpur News : जौनपुर जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में बुधवार की दोपहर आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व आप जिलाध्यक्ष राम रतन विश्वकर्मा ने किया। सैकड़ों कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट परिसर में इकट्ठे हुए और उन्होंने बाबा साहेब का फोटो हाथों में लेकर विरोध जताया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी भी की और अपनी नाराजगी का इज़हार किया। साथ ही, उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन भी सौंपा।

बाबा साहेब पर की आपत्तिजनक टिप्पणी
आप जिलाध्यक्ष राम रतन विश्वकर्मा ने इस अवसर पर कहा कि 17 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ बेहद अपमानजनक और आपत्तिजनक टिप्पणी की। उनका कहना था कि यह बयान न केवल भारत के महान नेताओं में से एक, बल्कि भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रणेता डॉ. अंबेडकर का अपमान है। उन्होंने आगे कहा कि अमित शाह की यह टिप्पणी करोड़ों भारतीयों का भी अपमान करती है, जो बाबा साहेब को सम्मान और श्रद्धा से देखते हैं। 

संविधान और समाजिक न्याय की रक्षा की अपील
राम रतन विश्वकर्मा ने कहा कि यह टिप्पणी न केवल अंबेडकर की महानता को नकारने वाली है, बल्कि यह हमारे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी हमला है। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर समानता, न्याय और लोकतंत्र के प्रतीक हैं और उनके खिलाफ कोई भी टिप्पणी भारतीय समाज के लिए खतरे की घंटी है। 

गृह मंत्री के इस्तीफे और माफी की मांग 
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान, आम आदमी पार्टी ने महामहिम राष्ट्रपति से अपील की कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस अपमानजनक बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहें और उन्हें इस्तीफा देने के लिए बाध्य करें। पार्टी का कहना था कि इस प्रकार के बयानों से भारतीय समाज में असमानता और विद्वेष को बढ़ावा मिलता है और यह देश की एकता और अखंडता के लिए खतरे की स्थिति उत्पन्न करता है।

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