Varanasi News : खिड़कियां घाट का नाम बदलकर 'नमो घाट' रखा गया, नगर निगम ने किया आधिकारिक दर्ज

UPT | महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में कार्यकारिणी की हुए बैठक

Nov 13, 2024 23:25

वाराणसी के अंतिम घाट के रूप में जाने वाले खिड़कियां घाट का नाम अब बदलकर वाराणसी नगर निगम के दस्तावेज में नमो घाट हो चुका है।

Varanasi News : देव दीपावली से पहले वाराणसी में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। वाराणसी के प्रसिद्ध खिड़कियां घाट का नाम बदलकर अब ‘नमो घाट’ कर दिया गया है। यह निर्णय वाराणसी नगर निगम की कार्यकारिणी समिति की बैठक में लिया गया, जो बुधवार को महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में सिगरा स्थित नगर निगम कार्यालय में आयोजित हुई। 

घाट का नाम बदलकर 'नमो घाट' किया
इस बैठक में उपसभापति नरसिंह दास ने खिड़कियां घाट का नाम बदलकर ‘नमो घाट’ करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को सभी कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने मंजूरी दे दी और फिर नगर निगम की धारा का पालन करते हुए इसे निगम के दस्तावेज में दर्ज करने का फैसला लिया गया। इस निर्णय के बाद ‘नमो घाट’ अब वाराणसी नगर निगम के दस्तावेजों में आधिकारिक रूप से दर्ज हो गया है। इसके अलावा बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई। नगर निगम द्वारा शासन द्वारा लागू की गई नई नियमावली, जिसमें वाहन स्टैंडों के किराए में वृद्धि की गई थी, पर भी बैठक में विचार किया गया। इसके साथ ही, बीएलडब्ल्यू क्षेत्र, चांदमारी, मढ़ौली और मंडुआडीह जैसे नवविस्तारित क्षेत्रों में जलनिकासी की समस्या को लेकर जलनिकासी की व्यवस्था करने का प्रस्ताव पारित किया गया। 



नगर निगम के कुल 243 आवास
राजस्व विभाग द्वारा नगर निगम के आवासों से संबंधित प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया। जिसमें बताया गया कि नगर निगम के कुल 243 आवास हैं, जिनमें से केवल 55 आवास नगर निगम कर्मियों के लिए आवंटित हैं। 66 आवासों में सेवानिवृत्त कर्मचारियों, स्थानांतरण या मृतक के परिवारों के लिए आवंटित हैं, जबकि 85 आवास सामान्य नागरिकों को दिए गए हैं और 37 आवासों में अवैध रूप से लोग रह रहे हैं। राजस्व विभाग ने यह भी बताया कि इन आवासों का अनुबंध 15 वर्ष के लिए किया गया था, और अब अनुबंध की अवधि समाप्त हो चुकी है। कार्यकारिणी समिति ने निर्णय लिया कि अब सभी आवंटियों को नोटिस जारी किया जाए और बाजार दर और डीएम सर्किल रेट का परीक्षण करके किराया निर्धारित किया जाए, इसके बाद पुनः अनुबंध की प्रक्रिया की जाए। 

Also Read