अम्बेडकर नगर के बारें में आपने काफी कुछ सुना और पढ़ा होगा लेकिन ये बात कम लोग ही जानते हैं कि मुग़ल काल में इस क्षेत्र को पहचान मिलनी शुरू हुई जो अंग्रेजी हुकूमत में आगे बढ़ी। मुस्लिम शासकों ने इमाम बाड़ों, मस्जिदों,ईदगाहों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया जब कि अंग्रेजों ने यहां स्कूल,अस्पताल,पुल,तहसील,ब्लाक,रेलवे स्टेशन बनवाए।
अम्बेडकर नगर का स्वर्णिम काल सम्राट अकबर के आगमन के बाद अस्तित्व में आया अम्बेडकर नगर
Dec 08, 2023 17:26
Dec 08, 2023 17:26
- अम्बेडकर नगर का स्वर्णिम काल
- सम्राट अकबर का अम्बेडकर नगर में आगमन
सम्राट अकबर का अम्बेडकर नगर में आगमन
सन् 1566 ई0 में जब सम्राट अकबर का अम्बेडकर नगर में प्रवेश हुआ, तब सम्राट अकबर यहां जिस जगह पर रूके उसे आज तहसील तिराहे के नाम से जाना जाता हैं। उस समय बादशाह अकबर ने तहसील तिराहे के बगल पूजा के लिए एक मस्जिद का निर्माण कराया। जिसे आज किले वाली मस्जिद के नाम से जाना जाता हैं। इसी दौरान उन्होने एक बस्ती भी बसायी जिसे अकबरपुर नाम दिया गया जो आज जिला मुख्यालय के रूप में जाना जाता हैं।तमसा नदी को पार करने के लिए अकबर ने लकड़ी का पुल बनवाया
लोक कथाओं के मुताबिक यहां से आगे बढ़ने के लिए तमसा नदी को पार करने का कोई साधन नही था। जिसके लिए सम्राट अकबर ने एक लकड़ी का पुल बनवाया था जिसे काफी दिन तक शाही पुल के नाम से पुकारा गया। यही पुल आज बदले स्वरूप में अकबरपुर और शहजादपुर को जोड़ता हैं। इतिहासकार बताते हैं कि शाही पुल निर्माण के बाद सम्राट अकबरपुर के निर्देश पर शहजादपुर और उनके उपनाम से जलालपुर बस्तियां आबाद हुई जिन्हें आगे चलकर मौजे की मान्यता मिली। आज वही बस्तियां अच्छे कस्बे के रूप में प्रसिद्ध हैं।अम्बेडकर नगर का स्वर्णिम काल
सन् 1947 में आज़ादी के बाद स्थानीय नागरिकों ने चैन की सांस ली। सन् 1952 में प्रथम चुनाव के बाद आए ज़मीदारी उन्मूलन विधेयक ने तमाम गरीबों, मजदूरों व कामगारों को भूमिहीन से भूमिदार बनाया। यद्यपि आज़ादी मिलने के बाद इस क्षेत्र के विकास को लेकर प्रयास होते रहे परन्तु बीसवीं सदी के अंतिम दिनों से लेकर इक्कीसवी सदी का प्रारम्भ काल अम्बेडकर नगर का स्वर्णिम काल कहा जा सकता है। क्योंकि तत्कालीन राज्य सरकार की मुख्यमंत्री ने इसे अपनी कर्मभूमि बनाया परिणामस्वरूप उनकी विकास योजनाएं अम्बेडकर नगर के लिए वरदान साबित हुई। परिणाम आज सबके सामने हैं। आज अम्बेडकर नगर राष्ट्रीय क्षितिज पर तेजस्वी है।Also Read
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