भाजपा नेता के बैनर में कमल निशान गायब : टिकट न मिलने से नाराज अवधेश द्विवेदी, कटेहरी में बगावत के संकेत?

टिकट न मिलने से नाराज अवधेश द्विवेदी, कटेहरी में बगावत के संकेत?
UPT | भाजपा नेता के बैनर में कमल निशान गायब

Oct 26, 2024 17:08

अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट पर उपचुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले ही यहां बगावत के संकेत मिल रहे हैं। कटेहरी में बीजेपी और अपने समाज के कद्दावर नेता अवधेश द्विवेदी के बैनर से पार्टी का चुनाव चिन्ह ही गायब हो गया...

Oct 26, 2024 17:08

Ambedkar Nagar News : अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट पर उपचुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले ही यहां बगावत के संकेत मिल रहे हैं। कटेहरी में बीजेपी और अपने समाज के कद्दावर नेता अवधेश द्विवेदी के बैनर से पार्टी का चुनाव चिन्ह ही गायब हो गया है। माना जा रहा है कि अवधेश द्विवेदी टिकट न पाने से नाराज हो गए हैं। पिछले आठ वर्षों में पहली बार अवधेश द्विवेदी के पोस्टर से कमल निशान के साथ बीजेपी नेताओं का चित्र अनुपस्थित है।

दीपावली मिलन समारोह की तैयारी
वहीं 27 अक्टूबर को अवधेश द्विवेदी ने अपने घर पर दीवाली मिलन समारोह का आयोजन किया है, जिसके लिए आमंत्रण भेजा जा रहा है। सभी से आने की अपील सोशल मीडिया और टेलीफोन के जरिए की जा रही है। यह पहली बार है जब यह आयोजन बीजेपी नेता के निवास पर हो रहा है। इस समारोह के जरिए अवधेश द्विवेदी ने अपनी नाराजगी जताई है, क्योंकि वे बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन में शामिल नहीं हुए। उनका यह कदम उनके राजनीतिक प्रभाव को दिखाने का प्रयास माना जा रहा है।



पार्टी के बड़े नेताओं के फोटो गायब
ऐसे में यह पहली बार हुआ है कि अवधेश द्विवेदी के किसी समारोह की होर्डिंग से कमल निशान और पार्टी के बड़े नेताओं के फोटो गायब हैं। इसके साथ ही, उनके सैकड़ों समर्थक सोशल मीडिया पर बगावती रुख अपनाए हुए हैं। यदि अवधेश की नाराजगी से उनका समुदाय जुड़ता है, तो बीजेपी के लिए आगे की राह आसान नहीं होगी।

भाजपा ने धर्मराज पर जताया भरोसा
कटेहरी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए बीजेपी ने धर्मराज निषाद को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। धर्मराज निषाद ने कटेहरी से तीन बार विधायक रहने का अनुभव हासिल किया है और यह सीट उनकी पारंपरिक सीट मानी जाती है। उन्होंने सभी चुनाव बसपा के टिकट पर लड़े थे और पार्टी के प्रमुख नेताओं में गिने जाते थे। साल 2018 में, धर्मराज निषाद ने बसपा को छोड़कर बीजेपी में शामिल होने का निर्णय लिया। 2022 में उन्हें अकबरपुर विधानसभा के लिए बीजेपी का प्रत्याशी बनाया गया, लेकिन वहां उन्हें सपा के रामअचल राजभर से हार का सामना करना पड़ा। उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत 1996 में हुई। उन्होंने बसपा के टिकट पर कटेहरी से विधायक बनकर अपनी पहचान बनाई। इसके बाद, 2002 में भी उन्होंने इसी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर फिर से विधायक बने। 2007 में जब वह तीसरी बार विधायक बने, तब मायावती ने उन्हें मंत्री के पद पर नियुक्त किया और वह 2007 से 2012 तक इस पद पर कार्यरत रहे, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम किया।

जातिगत समीकरण निभा सकता है निर्णायक भूमिका 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कटेहरी विधानसभा सीट पर बीजेपी की जीत की जिम्मेदारी स्वयं उठाई है। इस सीट का जातीय समीकरण भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जो भी पार्टी विभिन्न जातियों को संतुष्ट कर लेगी, उसकी जीत सुनिश्चित है। कटेहरी सीट पर जातिगत समीकरण की बात करें तो ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 50,000 है, जबकि क्षत्रिय मतदाता 30,000, कुर्मी 45,000, मुस्लिम 40,000 और यादव 22,000 हैं। इसके अलावा, निषाद समुदाय के 30,000, राजभर के 20,000, मौर्य के 10,000, पाल के 7,000, बनिया के 15,000, कुम्हार/कहार के 6,000 और अन्य जातियों के 25,000 मतदाता हैं। 

13 नवंबर को होगा चुनाव
चुनाव 13 नवंबर को कटेहरी में आयोजित किया जाएगा, जिसमें 280 मतदान केंद्रों पर 425 बूथों के माध्यम से मतदान होगा। इस चुनाव में कुल 400,875 मतदाता भाग ले सकेंगे, जिनमें 2,10,568 पुरुष और 1,90,306 महिला मतदाता शामिल हैं। इसके अलावा, एक थर्ड जेंडर मतदाता को भी मतदान का अधिकार दिया जाएगा। 85 वर्ष से अधिक आयु के 2,560 मतदाता हैं, जिन्हें घर पर मतदान करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, कुल 3,381 चिह्नित दिव्यांग मतदाता भी इस प्रक्रिया का हिस्सा बन सकेंगे। 

Also Read

सातवीं बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में जुटा, 55 घाटों पर 30 हजार वालेंटियर जलाएंगे 25 लाख दीपक

26 Oct 2024 08:43 PM

अयोध्या अयोध्या दीपोत्सव 2024 : सातवीं बार वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में जुटा, 55 घाटों पर 30 हजार वालेंटियर जलाएंगे 25 लाख दीपक

अयोध्या दीपोत्सव 2024 की तैयारी जोर-शोर से चल रही है, जिसमें 30,000 वालंटियर 28 लाख दीप जलाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने का लक्ष्य बना रहे हैं। इस बार रामनगरी के सभी घाटों पर दीयों की रोशनी बिखेरने के लिए वालंटियर की एक बड़ी टीम ने मोर्चा संभाल लिया है। और पढ़ें