ग्राउंड जीरो फैज़ाबाद 54 : राममय माहौल में लल्लू सिंह की हैट्रिक को रोकने की रणनीति को धार दे रहे सपा के अवधेश 

राममय माहौल में लल्लू सिंह की हैट्रिक को रोकने की रणनीति को धार दे रहे सपा के अवधेश 
UPT | ग्राउंड जीरो फैज़ाबाद 54

Mar 20, 2024 12:10

पीडीए यानी पिछड़ा, दलित अल्पसंख्यकों के साथ बैठक कर सपा भाजपा की मंदिर वाली धार को कुंद करने में जुट गई है। वर्तमान में मिल्कीपुर सुरक्षित सीट से इंडिया गठबंधन प्रत्याशी के रूप में अवधेश प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा है। अवधेश प्रसाद पूरी शिद्दत से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की हैट्रिक जीत रोकने में लग गए हैं।

Mar 20, 2024 12:10

Short Highlights
  • पीडीए की बैठकें और पंचायत प्रतिनिधियों को पाले में लाने की रणनीति पर अवधेश
  • 7 बार कांग्रेस, 5 बार भाजपा तो एक एक दफे सपा, बसपा, कम्युनिस्ट को मिली है जीत
 Ayodhya News : प्रदेश के मुखिया योगी आदित्य नाथ भले ही लगभग हर माह अयोध्या पहुंचते हों लेकिन उनका सम्पर्क राम मंदिर और साधु संतों तक ही सीमित रहा है। इसके उलट समाजवादी नेता जनता के सुख-दुख में उनके दरवाजे पर पहुंचते रहे हैं। ऐसे में भाजपा के मंदिर निर्माण वाले माहौल को जन समस्याएं, महंगाई, बेरोजगारी, छुट्टा जानवरों से जन धन की क्षति और पीडीए यानी पिछड़ा, दलित अल्पसंख्यकों के साथ बैठक कर सपा भाजपा की मंदिर वाली धार को कुंद करने में जुट गई है। हर विधानसभा क्षेत्रों में पीडीए की बैठक में सपा जनमुद्दों को आगे करके समाधान का संकल्प ले रही है। ऐसे में यह सोचना गलतफहमी होगी कि विपक्ष लल्लू सिंह की हैट्रिक रोक नहीं सकता है।

बजरंगी विनय तीन बार खिला चुके हैं फैज़ाबाद में कमल
एक बार फिर लोकसभा चुनाव में भाजपा यहां पर अच्छा प्रदर्शन करने की जुगत में है। क्योंकि भाजपा के फायर ब्रांड नेता विनय कटियार 1991, 1996 और 1999 में पार्टी का झंडा गाड़ चुके हैं। जबकि मोदी लहर में 2014 और 2019 लगातार 10 वर्ष से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह जीत का दबदबा बना रखे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लल्लू सिंह को जीत मिली थी। पिछले 10 साल से भाजपा का यहां पर दबदबा बना हुआ है। हालांकि 2019 में यहां विपक्ष के प्रत्याशी आनंदसेन से लल्लू सिंह का कांटेदार मुकाबला रहा था। आनंद पूर्व सांसद मित्रसेन यादव के बेटे हैं। लल्लू सिंह को इस चुनाव में 529,021 वोट मिले जबकि आनंद सेन को 463,544 वोट आए। यहां पर मुकाबला अंत तक रोमांचक बना रहा। लल्लू सिंह ने 65,477 मतों के अंतर से यह कड़ा मुकाबला जीत लिया। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बीच भाजपा ने यह सीट भी अपने नाम कर लिया था। अयोध्या से पूर्व विधायक और उम्मीदवार लल्लू सिंह ने सपा के प्रत्याशी मित्रसेन यादव को 2,82,775 मतों के अंतर से हराया था। जबकि 2019 के चुनाव में लल्लू सिंह उनके बेटे आनंद सेन को हराया, लेकिन इस बार हार-जीत का अंतर बहुत कम हो गया था।

जिस दल में रहते थे स्व. मित्रसेन उसी दल को मिलती विजयश्री
फैज़ाबाद लोकसभा के इतिहास में आजादी के बाद भले ही कांग्रेस ने 7 बार जीतकर कब्जा जमाया हो लेकिन स्व. मित्रसेन यादव (बाबू जी) के जिक्र बगैर फैज़ाबाद सीट का इतिहास नहीं समझा जा सकता है। जमीनी नेता रहे बाबू मित्रसेन यादव जिस दल से चुनाव लड़ते उसी दल को जीत मिलती थी। यह सिलसिला 2014 के लोकसभा चुनाव में टूटा। स्व. मित्रसेन यादव ने 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से कांग्रेस प्रत्याशी को पटखनी दी। पूरे देश में 1991 से 1996 मन्दिर आंदोलन में भाजपा के विनय कटियार काबिज हुए तो 1998 में एकबार फिर लोकसभा चुनाव में जिले के चर्चित राजनीतिज्ञ स्व. मित्रसेन यादव ने समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़कर भाजपा से यह सीट छीन ली। फिर बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर 2004 के लोकसभा चुनाव में स्व. मित्रसेन यादव सांसद बने हैं। इस बार सेन परिवार को टिकट न देकर सपा ने 9 बार के विधायक जो कि 6 बार मंत्री रहे तथा वर्तमान में मिल्कीपुर सुरक्षित सीट से इंडिया गठबंधन प्रत्याशी के रूप में अवधेश प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा है। अवधेश प्रसाद पूरी शिद्दत से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की हैट्रिक जीत रोकने में लग गए हैं। जिसका पता 4 जून 2024 को चलेगा।

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