जनकपुर में विवाह उत्सव की धूमधाम के बाद प्रभु भगवान राम, माता जानकी और अपने तीनों भाइयों के साथ सभी दुल्हनों के साथ अयोध्या लौटे। इस अवसर पर उन्हें बधाई और मंगल गीतों के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया गया...
Ayodhya News : जनकपुर से लौटी दुल्हनों संग भगवान राम की बारात, मंगलगीतों के बीच रामनगरी में छाया त्रेता जैसा उल्लास
Dec 10, 2024 18:13
Dec 10, 2024 18:13
Ayodhya News : जनकपुर में विवाह उत्सव की धूमधाम के बाद प्रभु भगवान राम, माता जानकी और अपने तीनों भाइयों के साथ सभी दुल्हनों के साथ अयोध्या लौटे। इस अवसर पर उन्हें बधाई और मंगल गीतों के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अवध के राजा के चारों बेटे अपनी दुल्हनों के साथ सोमवार रात अयोध्या पहुंचे और वहां विद्या कुंड पर रात्रि विश्राम किया। मंगलवार को चारों विवाहित जोड़ों का नगर भ्रमण शुरू हुआ। इस दृश्य को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था, जैसे त्रेतायुग में प्रभु राम और उनके भाई अपने परिवार के साथ अयोध्या लौटे हों।
अयोध्यावासियों ने किया स्वागत
अयोध्यावासियों ने नव विवाहित जोड़ों का स्वागत बड़े धूमधाम और उल्लास के साथ किया। उन्होंने पलक पांवड़े बिछाकर मंगल कलशों के साथ उनकी अगवानी की और उन्हें सम्मानित किया। पीतवसना महिलाओं ने बधाई दी और मंगलगीत गाए। पूरा नगर आभायुक्त था, क्योंकि जगह-जगह आतिशबाजी की गई और जयकारों के साथ नगर भ्रमण प्रारंभ हुआ। साकेत महाविद्यालय से शुरू हुआ यह यात्रा मार्ग फूलों की पंखुड़ियों से सुसज्जित था और पूरे रास्ते की खुशबू से वातावरण महक रहा था।
जगह-जगह सुंदर रंगोलियां सजाई गई
राम मंदिर के मुख्य द्वार पर तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी अनिल मिश्र, शैलेन्द्र शुक्ल और अन्य पदाधिकारियों ने समस्त व्यवस्था संभाली। जगह-जगह सुंदर रंगोलियां सजाई गईं और हनुमान गढ़ी, छोटी देवकाली के पास से लेकर वीणा चौक तक नाचते गाते लोगों का हुजूम आ रहा था। हर ओर उमंग और उत्साह का माहौल था, जैसे अयोध्यावासियों के दिलों में खुशी का ठिकाना न था। वे सब अपने घरों से बाहर निकलकर हर्षोल्लास में नाच-गाकर इस खुशी को और भी बढ़ा रहे थे, मानो उनके अपने भाई या बेटे ने दुल्हन लेकर घर वापस लाया हो।
तिलकोत्सव और विवाहोत्सव का कार्यक्रम संपन्न
22 जनवरी 24 को अपने भव्य, दिव्य व नव्य मन्दिर में विराजे रामलला के हर एक उत्सव को महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेन्द्र सिंह पंकज के संयोजन में तिलकोत्सव और विवाहोत्सव का कार्यक्रम संपन्न हुआ। दशरथ की भूमिका में भगवान राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने निभाई। नगर भ्रमण के अंत में कारसेवक पुरम की भरतकुटी में चारों भाइयों और उनकी पत्नियों के स्वरूपों की विधि विधान से आरती उतारी गई। भगवान राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र संवाद केन्द्र अयोध्या धाम के मुताबिक पूरे धाम में विवाहोपरांत बारात वापसी पर अति उल्लसित वातावरण ऐसा बना जैसे त्रेतायुग आ गया हो। इसी के साथ विवाहोत्सव के कार्यक्रम सम्पन्न हो गए।
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