श्रीराम की पवित्र नगरी अयोध्या इन दिनों ऐतिहासिक कीर्तिमानों का गवाह बन रही है। महज 15 दिनों के भीतर दीपोत्सव से लेकर परिक्रमा तक में पांच रिकॉर्ड बन चुके हैं...
अयोध्या का बजा डंका : राम मंदिर और दीपोत्सव ने बढ़ाई शान, 15 दिनों में बनाए पांच कीर्तिमान
Nov 13, 2024 19:10
Nov 13, 2024 19:10
राम मंदिर निर्माण और दीपोत्सव ने बढ़ाई अयोध्या की शान
राम मंदिर के पक्ष में ऐतिहासिक फैसले के बाद से अयोध्या में बदलाव की लहर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर निर्माण की नींव रखे जाने के बाद अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलनी शुरू हो गई। दीपोत्सव के दौरान अब तक दर्जनों रिकॉर्ड बन चुके हैं और यह सिलसिला निरंतर जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब ऐलान किया कि इस बार दीपोत्सव बेहद भव्य और ऐतिहासिक होगा तो अयोध्या ने सच में एक नई परिभाषा गढ़ी। दीपोत्सव के पहले ही दिन यहां तीन रिकार्ड बन गए थे। जिनमें सरयू आरती और दीपों के प्रज्ज्वलन के अनूठे आयोजन शामिल थे।
पहला रिकॉर्ड
27 अक्टूबर से शुरू हुए दीपोत्सव के दौरान, राम की पैड़ी पर 25 लाख दीपों को प्रज्ज्वलित करने का रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य था, जो महज 72 घंटे में पूरा हो गया। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय और 35 हजार वालंटियरों ने मिलकर इसे संभव किया। सरयू के 55 घाटों पर दीपों को सजाने और जलाने के इस रिकॉर्ड ने अयोध्या की रौनक को और भी बढ़ा दिया।
दूसरा रिकॉर्ड 1100 बटुकों की एक साथ सरयू आरती
30 अक्टूबर को 1100 बटुकों के साथ मां सरयू की आरती का आयोजन किया गया, जिसने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया। तीन दिन तक इसका अभ्यास किया गया था और दीपोत्सव के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं इस ऐतिहासिक आरती में भाग लिया। 15 मिनट तक चलने वाली यह आरती अयोध्या में धार्मिक समर्पण का प्रतीक बनी।
तीसरा रिकॉर्ड- 55 घाटों पर 25 लाख दीपों का प्रज्ज्वलन
30 अक्टूबर की शाम 25 लाख 12 हज़ार 585 दीपों का प्रज्ज्वलन अयोध्या में एक नया गिनीज रिकॉर्ड बना। यह आयोजन 55 घाटों पर किया गया था और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने इसकी काउंटिंग की। दीपों की इस भव्यता ने अयोध्या को एक नया कीर्तिमान दिया।
चौथा रिकॉर्ड- 35 लाख श्रद्धालुओं द्वारा 14 कोसी परिक्रमा
9 नवंबर को कार्तिक परिक्रमा के दौरान 35 लाख श्रद्धालुओं ने 14 कोसी परिक्रमा में हिस्सा लिया, जो एक ऐतिहासिक आंकड़ा था। परिक्रमा में श्रद्धालुओं का हुजूम ऐसा था कि जिला प्रशासन भी हैरान रह गया। यह रिकॉर्ड अयोध्या में पहली बार दर्ज किया गया। इससे पहले परिक्रमा देने वाले श्रद्धालुओं की संख्या इतनी कभी नहीं रही आयोध्या में।
पांचवां रिकॉर्ड- 25 लाख श्रद्धालुओं द्वारा पंचकोसी परिक्रमा
11 नवंबर को 25 लाख श्रद्धालुओं ने पंचकोसी परिक्रमा में हिस्सा लिया। यह परिक्रमा अयोध्या के भीतर और आसपास के क्षेत्रों में हुई और इसमें नगरवासी विशेष रूप से शामिल हुए। इस परिक्रमा ने 14 कोसी की परिक्रमा के बाद अयोध्या में श्रद्धा और भक्ति का अनूठा प्रदर्शन किया।
कार्तिक पूर्णिमा की तैयारी पूरी
वहीं 15 नवंबर को अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान होगा और इस दिन लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। अयोध्या के घाटों पर स्नान के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। जल पुलिस, गोताखोर, चेंजिंग रूम, अस्थायी अस्पताल और स्वास्थ्य शिविरों की तैनाती की गई है। सुरक्षा के मद्देनजर ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जाएगी और पुलिस की विशेष टीमें भी गश्त करेंगी।
साधु-संतों की सराहना
हनुमानगढ़ी के महंत डॉ. देवेशाचार्य महाराज ने बताया कि श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या में लगातार नित नए कीर्तिमान बन रहे हैं। यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कुशल नेतृत्व के कारण संभव हो पाया है। अयोध्या में इस बदलाव का श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है। इन रिकॉर्ड्स के माध्यम से अयोध्या न केवल धार्मिक केंद्र के रूप में बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और पर्यटक दृष्टिकोण से भी एक नई पहचान बना रही है।
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