भाजपा की केंद्र सरकार ने 3 तलाक, 33 फीसद आरक्षण समेत महिला हित मे कार्य किए हैं लेकिन गुप्त मतदान वाले इस भारतीय लोकतंत्र में मतदान के समय महिलाओं का रुख परिणाम बदल सकता है। क्योंकि बढ़ती महंगाई में पिस रही मध्यम व निचले तबके की जनता ...
लोकसभा चुनाव-2024 : गठबंधनों के दौर में आधी आबादी की मर्जी बदल सकती है चुनाव परिणाम
May 16, 2024 18:39
May 16, 2024 18:39
- 33 फीसदी आरक्षण, 3 तलाक को लंगड़ी भी मार सकती है बढ़ती महंगाई
- परिवार प्रमुख बनने पर भी पुरुषों की गाइड लाइंस अभी भी कुछ हद तक मानती हैं महिलाएं
इसकी भविष्यवाणी सम्भव नहीं क्योंकि भारतीय समाज पुरूष प्रधान है कुछ हद तक ही महिलाओं की मर्जी चल पाती है। ऐसे में भारतीय लोकतंत्र में गुप्त मतदान के समय महिलाओं का रुख परिणाम बदल सकता है। परंतु बढ़ती महंगाई में पिस रही मध्यम व निचले तबके की जनता जिससे घर का पूरा बजट गडबडा गया है मिली सहूलियतों पर वोट की लंगड़ी भी मार सकती है।
फैजाबाद लोकसभा में 10 लाख से अधिक है आधी आबादी
फैज़ाबाद लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा बाराबंकी जनपद की दरियाबाद, अयोध्या जनपद की रुदौली, मिल्कीपुर, बीकापुर और अयोध्या विधानसभा क्षेत्र हैं। कुल मतदाता 2216172 हैं। जिनमे पुरुष 11 लाख तो महिला मतदाता 10 लाख हैं। जिनमें हिन्दू आबादी 76 प्रतिशत व मुस्लिम आबादी 22 फीसदी है। फिलहाल कौन कितना प्रभावित किया है 20 मई के मतदान व 4 जून 2024 की मतगणना के बाद ही पता चलेगा। जहां तक वोट देने के लिए घर से बूथ तक पहुंचने की बात है तो 2019 के लोकसभा चुनाव में 5,14, 352 महिलाओं ने मतदान किया था। परिणाम भाजपा के पक्ष में आया। जिससे 2014, 2019 में सांसद हुए लल्लू सिंह को 2024 में हैट्रिक लगाने के लिए मैदान में उतारा है क्योंकि मौका और दस्तूर भी यही है।2019 में हुए 17वें लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह ने सपा के प्रत्याशी आनंद सेन यादव को 65,477 मतों से हराया। इस चुनाव में लल्लू सिंह ने 5,29021 वोट प्राप्त किए, आनंद सेन यादव (सपा) ने 4,63544 वोट प्राप्त किए, और निर्मल खत्री (कांग्रेस) ने 53,386 वोट प्राप्त किए। 10,87420 लोगों ने वोट डाला था। 1991 से 2007 तक, लल्लू सिंह लगातार पांच बार अयोध्या विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं।
बनते बिगड़ते रहे दलों के गठजोड़ से बदलते रहे फैजाबाद के समीकरण
फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा ने 2014 और 2019 लगातार दो आम चुनाव में जीत दर्ज कराई। लल्लू सिंह तीसरी बार हैट्रिक लगाने की जुगत में दिन रात एक कर रहे हैं। बात करें 2014 आमचुनाव की तो सपा और बसपा ने अलग-अलग चुनाव लड़े और 21 प्रतिशत सपा को, 13.87 प्रतिशत बसपा को और 12.7% वोट कांग्रेस को वोट मिले। साल 2019 में जब सपा-बसपा ने साथ चुनाव लड़ा जिसमें एक होकर चुनाव लड़ा तो गठबंधन के उम्मीदवार को कुल 43% वोट पाए। इस बार सपा, कांग्रेस और आप जैसी पार्टियां हैं जबकि बहुजन समाज पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी अपने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। दोनों अन्य पार्टियों के कार्यकर्ता, चौपाल और बूथ सम्मेलन के बजाय सीधे मतदाताओं के घर पहुंच अपने पक्ष में मतदान कराने की अपील कर रही हैं। अब 2024 के रण के लिए भाजपा गठबंधन, सपा और कांग्रेस, आप गठबंधन चुनावी मैदान में ताल ठोक रही हैं तो बसपा के साथ ही भाकपा भी चुनावी तैयारी में जुट गई हैं। अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ छोटे-बड़े दलों को मिलाकर विपक्षी को मजबूती देने में जुटे हैं। 2019 में अकेले दम पर 49 प्रतिशत वोट हासिल कर चुकी भाजपा के पास इस बार भव्य राममंदिर, 3 तलाक, धारा 370 समेत कई मुददे बताने को हैं।
2022 विधानसभा चुनाव में 2 सीटें गवां चुकी है भाजपा
5 विधानसभा क्षेत्रों वाले फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में 2022 विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का बेहतर प्रदर्शन रहा है। मिल्कीपुर सुरक्षित औऱ गोंसाईगंज (लोकसभा क्षेत्र अम्बेडकर नगर) में सपा ने भाजपा को हरा कर अपने विधायक बनाए। विधानसभा क्षेत्र बीकापुर से बड़ी मुश्किल से भाजपा के डॉक्टर अमित सिंह चौहान ने जीत दर्ज कराई। जिसके महज 2 वर्ष बाद हो रहे लोकसभा चुनाव पर असर पड़ सकते हैं। यदि महिला मतदाताओं का रुख सकारात्मक रहा तो नतीजे बदल सकते हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अयोध्या (वेदप्रकाश गुप्ता), बीकापुर (अमित सिंह) और रुदौली (रामचंद्र यादव) की तीन सीटें जीतीं। वहीं सपा गठंधन के अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर सीट और सपा के अभय सिंह ने गोसाईगंज सीट जीती थी।
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