दुर्गा पूजा का विशेष उल्लास और आध्यात्मिक अनुभव : इस वर्ष अयोध्या में 2568 पंडालों में मां दुर्गा की प्राण-प्रतिष्ठा की गई

इस वर्ष अयोध्या में 2568 पंडालों में मां दुर्गा की प्राण-प्रतिष्ठा की गई
UPT | दुर्गा पूजा महोत्सव।

Oct 10, 2024 01:47

अयोध्या में दुर्गा पूजा का पर्व भी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस बार पंडालों में षष्ठी के दिन प्रतिमाओं के पट खोलने की परंपरा निभाई जाएगी। सभी पूजा पंडालों में रात 8:00 बजे सामूहिक आरती का आयोजन किया जाएगा। यह विशेष कार्यक्रम केंद्रीय पूजा समिति की ओर से प्रस्तावित किया गया है।

Oct 10, 2024 01:47

Ayodhya News : अयोध्या जो कि रामनगरी के नाम से जानी जाती है, लेकिन यहां पर दुर्गा पूजा का पर्व भी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस बार दुर्गा पूजा पंडालों में षष्ठी के दिन प्रतिमाओं के पट खोलने की परंपरा निभाई जाएगी। इसके बाद महासप्तमी, महाअष्टमी और महानवमी तक भारी भीड़ माता रानी के दर्शन के लिए उमड़ती है। इस वर्ष, श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अनुभव को बढ़ाने के लिए सभी पूजा पंडालों में रात 8:00 बजे सामूहिक आरती का आयोजन किया जाएगा। यह विशेष कार्यक्रम केंद्रीय पूजा समिति की ओर से प्रस्तावित किया गया है, जिससे अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को एक अनूठा अनुभव मिल सके।

केंद्रीय समिति ने सभी पूजा कमेटियों से अपील की है कि वे महासप्तमी, महाअष्टमी और महानवमी के दिनों, अर्थात 9, 10 और 11 अक्टूबर को सायं ठीक 8:00 बजे अपने-अपने दुर्गा पूजा पंडालों में मां भगवती की सामूहिक आरती अवश्य करें। इस आरती के साथ पूजा स्थलों पर आरती भी की जाएगी, जिससे अयोध्या में आने वाले भक्तों को एक विशेष आध्यात्मिक अनुभूति हो सके। इसका उद्देश्य अयोध्या की दुर्गा पूजा और रामलीला की कीर्ति को देशभर में फैलाना भी है।

ग्रामीणांचल में नवरात्रि के विशेष कार्यक्रम
अयोध्या जनपद में इस वर्ष कुल 2568 पंडालों में मां दुर्गा की प्राण प्रतिष्ठा की गई है। धर्म नगरी में नवरात्रि की शुरुआत प्रतिपदा से होती है, जिसमें कलश की पूजा और पाठ किया जाता है। षष्ठी के दिन दुर्गा प्रतिमाओं का आगमन होता है, और वैदिक मंत्रों के साथ मां के पट खोले जाते हैं, जिससे भक्तजन नयनाभिराम दर्शन प्राप्त करते हैं। महासप्तमी से लेकर महानवमी तक विशेष पूजन और कार्यक्रमों का आयोजन होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में नवरात्रि के पहले दिन से ही विशेष आयोजनों की धूम मच जाती है। महानवमी के दिन कन्याओं का पूजन और भंडारे का आयोजन किया जाता है, और रातभर माता का जागरण चलता है। झांकियां, जागरण और अन्य विशेष कार्यक्रम महाअष्टमी तक चलते हैं, जबकि दशमी को प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है।

रामनगरी में दुर्गा पूजा का उल्लास
अयोध्या में दुर्गा महोत्सव का मुख्य आकर्षण षष्ठी को प्रतिमाओं के पट खोलने से शुरू होता है। इस दौरान दुर्गा पंडालों और शहर की सड़कों पर बहुरंगी इलेक्ट्रिक झालरों की सजावट की जाती है, जो अद्भुत आभा बिखेरती है। मंगलवार को पट खुलने पर शाम को भक्तों का रेला उमड़ पड़ता है, जो बुधवार से बढ़ता ही जाएगा। चौक से नाका तक की सड़कों पर भक्तों की भीड़ देखी जा रही है, और सुरक्षा में तैनात पुलिस को भी भीड़ नियंत्रित करने में कठिनाई हो रही है। 

केंद्रीय दुर्गा पूजा और रामलीला समिति के अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने सभी भक्तों से आगामी तीन दिनों के विशेष आरती और कार्यक्रमों में भाग लेने की अपील की है। अयोध्या में दुर्गा पूजा का यह पर्व हर साल की तरह इस बार भी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है, जो लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। 

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