मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को जानकी महल में आयोजित रामजानकी विवाह उत्सव में शामिल हुए। इस दौरान, उन्होंने कहा कि आज जनकपुर धाम में भी विवाह पंचमी का आयोजन हो रहा है...
रामजानकी विवाह उत्सव में शामिल हुए सीएम योगी : बोले-अनेक पूज्य संतों का केंद्र बिंदु रहा जानकी महल
Dec 05, 2024 18:18
Dec 05, 2024 18:18
सामर्थ्य के अनुसार योगदान देना चाहिए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश और धर्म के लिए हमें अपने सामर्थ्य के अनुसार योगदान देना चाहिए और समाज को एकजुट करना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म और देश की मजबूती के लिए हमें जातिवाद और भेदभाव से बचना चाहिए, क्योंकि देश है तो धर्म है और धर्म है तो हम सभी हैं। उनका उद्देश्य सनातन धर्म की रक्षा करना और भारत को विकास के सर्वोच्च स्तर तक पहुंचाना होना चाहिए।
रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान एक महत्वपूर्ण केंद्र
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जानकी महल के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि यह स्थान रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान एक महत्वपूर्ण केंद्र था। उन्होंने कहा कि मेरे पूज्य गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ जी महाराज रामजन्मभूमि आंदोलन से संबंधित किसी महत्वपूर्ण बैठक या आंदोलन के लिए आते थे तो अक्सर वे रात्रि विश्राम जानकी महल में ही करते थे। जानकी महल कई धार्मिक आयोजनों और पूज्य संतों के लिए एक प्रमुख स्थल रहा है।
राम मंदिर में विराजमान हुए रामलला
सीएम योगी ने कहा कि इस साल 22 जनवरी 2024 को पीएम मोदी के करकमलों से अयोध्या धाम में मर्यादा पुरुषोत्तम राम लला के रूप में विराजमान हो चुके हैं। भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया में कोई भी ऐसा सनातन धर्मावलंबी नहीं था, जो उस क्षण से वंचित हुआ हो। कोई यहां उपस्थित हुआ तो किसी ने श्रव्य-दृश्य माध्यम से उस पल को देखा-सुना। 500 वर्ष तक चले संघर्षों का सामना करते-करते कई पीढ़ियां चली गईं, लेकिन यह सौभाग्य हमारे भाग्य में था कि फिर से भव्य मंदिर में रामलला को विराजमान होते हमने देखा है।
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2017 से पहले नहीं थे अच्छे हालात
सीएम योगी ने कहा कि 2017 के पहले की अयोध्या में बमुश्किल चार से पांच घंटे बिजली मिलती थी। यहां साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं थी। राम की पैड़ी में सरयू जी का जल सड़ता था। लोग उसी में स्नान कर पाते थे। एयर, रेल, सड़क कनेक्टिविटी अच्छी नहीं थी। अब तो न केवल सड़क, बल्कि रेल व वायुमार्ग से अयोध्या का अच्छा जुड़ाव हो चुका है। जल मार्ग पर भी हमारा सर्वे का कार्य चल रहा है। संकरी गलियां चौड़ी हो रही हैं। अब राम की पैड़ी स्वच्छ हो गई है।
राम ने स्वीकार किया चौदह वर्ष का वनवास
सीएम ने बताया कि भगवान राम ने महाराजा दशरथ से कहा कि आपका वचन मेरी प्रतिज्ञा है। अपने लिए नहीं, बल्कि सनातन धर्म और देश के लिए जो अच्छा है, वह करुंगा। राम ने 14 वर्ष का वनवास स्वीकार किया। उन्होंने निषादराज को गले से लगाया, चित्रकूट में कोल, वनवासी, गिरवासी से जुड़े। 12 वर्ष चित्रकूट में रहे, भारत के ज्ञान और विरासत के प्रतिनिधि होने के कारण ऋषि-मुनियों को अभय प्रदान किया। उस समय दंडकारण्य को राक्षस विहीन किया। उन्होंने रामेश्वर में ज्योतिर्लिंग की स्थापना की। आज भी हम रामेश्वर में दर्शन करते हैं। उन्होंने सेतुबंध का निर्माण किया और धरती मां को राक्षस विहीन किया।
रामराज्य का किया जिक्र
सीएम योगी ने कहा कि 14 वर्ष बाद अयोध्या आने से पहले श्रीराम ने हनुमान जी को भेजा कि जाओ, देखो- ऐसा तो नहीं कि भरत को राज्य का मोह हो गया हो, अगर वह राजा रहना चाहते हों तो मैं अयोध्या वापस नहीं जाऊंगा। हनुमान जी ने देखा कि संन्यासी के रूप में भरत प्रभु राम का इंतजार कर रहे हैं। यह बातें हनुमान जी ने भगवान राम को बताईं, तब भगवान राम ने आकर प्रजा की भावनाओं का सम्मान करते हुए जिस व्यवस्था को आगे बढ़ाया, वह रामराज्य की आदर्श व्यवस्था थी। भारत की परंपरा भी यह कहती है कि हम जिसकी पूजा करते हैं, उसके अनुरूप बनने का प्रयास करना चाहिए।
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कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
इस दौरान, कार्यक्रम में अयोध्या के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, विधायक वेदप्रकाश गुप्त, विधायक रामचंद्र यादव, दिलीप कुमार सुल्तानिया, नारायण अजीतसरिया, विष्णु अजीत सरिया, चंद्रप्रकाश अग्रवाल, बिहारी लाल सर्राफ, मुरारीलाल, सुनील कुमार, आशीष, दिनेश अग्रवाल, राकेश बिहारी आदि मौजूद रहे।
सीएम योगी का अयोध्या दौरा
गौरतलब है कि आज सीएम योगी अयोध्या दौरे पर रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामायण मेला समिति द्वारा आयोजित 43वें रामायण मेला का उद्घाटन रामकथा पार्क में किया और इस दौरान एक पुस्तिका का विमोचन भी किया। इसके बाद उन्होंने हनुमानगढ़ी का दौरा किया, जहां उन्होंने संकटमोचन हनुमानजी के दर्शन-पूजन किए और आरती उतारी। इसके बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला के दर्शन-पूजन कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। साथ ही वो जानकी महल में आयोजित रामजानकी विवाह उत्सव में भी शामिल हुए और इसे गौरव का क्षण बताया।
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