आजमगढ़ में स्वास्थ्य विभाग का बड़ा अभियान : 24 अवैध अस्पताल सील, पांच टीमें कर रहीं छापेमारी

24 अवैध अस्पताल सील, पांच टीमें कर रहीं छापेमारी
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Nov 09, 2024 23:49

अवैध अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई का उद्देश्य न केवल गैरकानूनी संस्थाओं को बंद करना है, बल्कि जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता भी है। शासन स्तर पर इन अवैध अस्पतालों की शिकायतें लगातार मिल रही थीं।

Nov 09, 2024 23:49

Short Highlights
  • आजमगढ़ जिले  में अवैध रूप से चलने वाले अस्पतालों और नर्सिंग होम्स के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं
  • नर्सिंग होम और बिना लाइसेंस वाले अस्पताल झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा चलाए जा रहे थे
  • अब तक सील हुए 24 अवैध अस्पतालों और नर्सिंग होम्स
Azamgarh News : आजमगढ़ जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और अवैध अस्पतालों के खतरे को समाप्त करने के उद्देश्य से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रशासन ने जिले में अवैध रूप से चलने वाले अस्पतालों और नर्सिंग होम्स के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। जिले के लालगंज, बिलरियागंज, अतरौलिया, महाराजगंज और देवगांव जैसे क्षेत्रों में कई नर्सिंग होम और बिना लाइसेंस वाले अस्पताल झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा चलाए जा रहे थे, जो लंबे समय से आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे थे।



अवैध अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई
अवैध अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई का उद्देश्य न केवल गैरकानूनी संस्थाओं को बंद करना है, बल्कि जनता की सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता भी है। शासन स्तर पर इन अवैध अस्पतालों की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। स्थानीय लोगों की शिकायतों और मीडिया रिपोर्ट्स के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन मामलों पर गंभीरता से ध्यान देते हुए तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। छापेमारी की इस मुहिम का मुख्य उद्देश्य जिले में चल रहे ऐसे अस्पतालों को बंद कराना है जो नियमों का पालन नहीं कर रहे और जो नागरिकों की जान को खतरे में डाल रहे हैं।

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अब तक सील हुए 24 अवैध अस्पतालों और नर्सिंग होम्स
आजमगढ़ मंडल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) अशोक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार जिले में झोलाछाप डॉक्टरों और बिना लाइसेंस के चलाने वाले अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस अभियान के तहत अब तक 24 अवैध अस्पतालों और नर्सिंग होम्स को सील किया जा चुका है। नोडल अधिकारियों को तहसील स्तर पर जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो नियमित रूप से इन स्थानों पर निगरानी रख रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी अवैध अस्पताल या नर्सिंग होम संचालित न हो सके। इस कार्यवाही में 72 डॉक्टर अपनी ड्यूटी पर अनुपस्थित पाए गए, जिनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की गई है।

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पांच टीमों का किया गया गठन
इन अवैध अस्पतालों और झोलाछाप डॉक्टरों की गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें उन क्षेत्रों में छापेमारी कर रही हैं, जहां से उन्हें अवैध अस्पतालों के संचालन के इनपुट मिल रहे हैं। सीएमओ अशोक कुमार ने बताया कि अब तक तीन मामलों में दोषियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है, और मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, जिले में यह अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा।

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