बलिया गांव में 40 से अधिक महिला फुटबॉल खिलाड़ी : देश और प्रदेश स्तर पर रोशन कर रहीं नाम

देश और प्रदेश स्तर पर रोशन कर रहीं नाम
UPT | महिला फुटबॉल खिलाड़ी

Jul 22, 2024 15:35

उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव की महिला फुटबॉल खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। सोनाडीह गांव, जो पहले मां भागेश्वरी-परमेश्वरी के मेले के लिए जाना जाता था...

Jul 22, 2024 15:35

Ballia News : सीमित संसाधनों और सामाजिक बाधाओं के बावजूद, उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव की महिला फुटबॉल खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। सोनाडीह गांव, जो पहले मां भागेश्वरी-परमेश्वरी के मेले के लिए जाना जाता था, अब अपनी प्रतिभाशाली महिला फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए पहचाना जाने लगा है। सोनाडीह गांव से लगभग 70 किलोमीटर दूर सीयर ब्लॉक के पश्चिमी छोर पर स्थित है। इन युवा महिलाओं ने अपने दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से न केवल अपने गांव का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे क्षेत्र में महिला सशक्तीकरण का एक नया अध्याय लिखा है।

आसान नहीं थी यात्रा
गांव की इन महिला खिलाड़ियों की यात्रा आसान नहीं थी। अधिकांश खिलाड़ी आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आती हैं। परंतु, उनकी फुटबॉल के प्रति अटूट लगन और दृढ़ विश्वास ने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। शुरुआत में, सामाजिक रूढ़ियों और लोक-लाज के कारण बेटियों को खेलने से रोका जाता था। लेकिन धीरे-धीरे, उनके प्रदर्शन और उपलब्धियों ने समुदाय के दृष्टिकोण को बदल दिया। इस बदलाव की शुरुआत बेसिक शिक्षा के खेल अनुदेशक रामप्रकाश यादव के प्रयासों से हुई। उन्होंने जनपदीय रैलियों में बच्चों की भागीदारी के माध्यम से खेल के प्रति रुचि जगाई। धीरे-धीरे, फुटबॉल गांव की संस्कृति का हिस्सा बन गया। आज, गांव में ऐसा माहौल है कि बड़ी संख्या में बेटियां नियमित रूप से मैदान में अभ्यास करती दिखाई देती हैं। शुरुआती दिनों में, चोटिल होने का डर था, लेकिन चार साहसी खिलाड़ियों - आंचल, निगम, प्रीति और नीतू पांडेय - ने बूट पहनकर फुटबॉल खेलना शुरू किया। उनकी हिम्मत ने अन्य लड़कियों को भी प्रेरित किया, और धीरे-धीरे चोट का डर कम होता गया।

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रंग लाई मेहनत
सोनाडीह की टीम ने अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता से उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। उन्होंने प्रदेश स्तर पर सभी 18 मंडलों को पीछे छोड़ते हुए चार बार विजेता का खिताब जीता है। इतना ही नहीं, वे चार बार उपविजेता भी रही हैं। गांव की 12 बेटियां अब तक राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी हैं। इनमें निगम, आंचल, नीतू पांडेय, ज्योति, रुक्मणी, सरिता, प्रिया, नेहा, सलोनी शर्मा, सलोनी, सलोनी राजभर और सोनम शामिल हैं। वर्तमान में, सरिता, प्रिया, सलोनी शर्मा, नेहा और सलोनी आगामी राष्ट्रीय स्तर की फुटबॉल प्रतियोगिता के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं। अन्य खिलाड़ी अपनी शिक्षा के साथ-साथ फुटबॉल का अभ्यास जारी रखे हुए हैं।

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